केरल के एक मुस्लिम परिवार ने कासरगोड जिले के कान्हांगड़ में भगवती मंदिर में अपनी गोद ली हुई बेटी की शादी की। इस शादी समारोह को राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव के उदाहरण के रूप में दिखाया जा रहा है। दुल्हन राजेश्वरी दोनों समुदायों के परिवार और दोस्तों की उपस्थिति में विष्णु प्रसाद के साथ शादी के बंधन में बंधी।

22 वर्षीय दुल्हन राजेश्वरी की शादी 28 वर्षीय लैब तकनीशियन विष्णु से हुई। विष्णु के परिवार की इच्छा थी कि शादी किसी मंदिर में होनी चाहिए। इसके बाद राजेश्वरी के दत्तक परिवार ने कहा कि उन्होंने उसकी शादी के लिए पैसे बचाए हैं और वे सब कुछ करगें, जो वे अपने बच्चों के लिए करते हैं।

मुस्लिम दंपति ने कथित तौर पर राजेश्वरी को तब गोद लिया था जब उसने सात साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। इसके बाद मुस्लिम परिवार में ही उसकी परवरिश और देखभाल हुई। राजेश्वरी के पिता सरवानन अब्दुल्ला के घर और खेत में काम करते थे। सरवानन की मौत के बाद अब्दुल्ला ने अपने तीन बेटे शमीम, नजीब और शरीफ के साथ ही राजेश्वरी की भी परवरिश की।


मलयालम मीडिया ‘आउटलेट’ की रिपोर्ट के अनुसार “शुरु में मुस्लिम परिवार ने गर्भगृह से दूरी बनाए रखी लेकिन जब समारोह शुरू हुआ, तो दूल्हे के परिवार के सदस्यों ने उन्हें दूल्हा और दुल्हन के करीब ला दिया।” रिपोर्ट में कहा गया है कि दूल्हे के रिश्तेदारों और दोस्तों ने कान्हानगढ़ नगरपालिका पार्षद एचआर श्रीधरन और भाजपा जिला महासचिव ए वेलायुधन के साथ दुल्हन और उसके परिवार का मंदिर में स्वागत किया।

इस साल की शुरुआत में भी केरल की एक मस्जिद में हिंदू जोड़े पूरे रीति-रिवाजों से हुई थी। मस्जिद परिसर को ही मंडप में तब्दील कर दिया गया था। मस्जिद के सदस्यों ने विवाह की मेजबानी की थी और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इसकी काफी तारीफ की थी।