केरल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सनी जोसेफ (Sunny Joseph) ने जंगली सूअरों (Wild Boar) को दफनाने की मौजूदा प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एक अलग तरह की मांग रख दी है। उन्होंने कहा कि जंगली सूअरों को मिट्टी का तेल (kerosene) डालकर दफनाने के बजाय उन्हें नारियल तेल (coconut oil) में पकाने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह बयान उन्होंने संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के ‘मलयोरा समारा यात्रा (Malayora Samara Jatha)’ विरोध मार्च के दौरान दिया। कन्नूर जिले के कोट्टियूर (Kottiyoor in Kannur) में आयोजित इस बैठक में उन्होंने मौजूदा कानूनों की आलोचना की और इन्हें अव्यवहारिक बताया।
कांग्रेस नेता की मौजूदा नियमों को बदलने की मांग
जोसेफ के अनुसार, मौजूदा नियमों के तहत, लाइसेंसी हथियारों (licensed firearm) से मारे गए जंगली सूअरों को दफनाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने तर्क दिया कि कोट्टियूर पंचायत में केवल एक व्यक्ति के पास लाइसेंसी हथियार है, जिससे किसानों के लिए अपनी फसलों की रक्षा करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा, “अगर जंगली सूअर को मारा जाता है, तो उसे मिट्टी का तेल डालकर दफना दिया जाता है। मेरी राय में, उसे नारियल के तेल में पकाना चाहिए। मैं यह बात खुलेआम कह रहा हूं।”
पेरावूर (Peravoor) के विधायक जोसेफ ने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस की अगुवाई में यूडीएफ सत्ता में आती है, तो वह इस मुद्दे पर कानून लाने के लिए पहल करेगी। उन्होंने जंगली सूअरों के बढ़ते आतंक से किसानों को हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा कानूनों में बदलाव की जरूरत है। इस बयान के दौरान विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन (V.D. Satheesan) और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष के. सुधाकरन (K. Sudhakaran) समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
यूडीएफ ने यह विरोध मार्च केरल के पहाड़ी इलाकों में बढ़ते वन्यजीव हमलों और किसानों की वित्तीय समस्याओं पर ध्यान दिलाने के लिए आयोजित किया था। इस बयान के बाद जहां कुछ लोग विधायक के विचारों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे विवादास्पद बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गर्मा गया है और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। (PTI Input)