Kerala Journalist: केरल के पत्रकार सिद्दिकी कप्पन (Siddique Kappan) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। मनी लांड्रिंग केस में कोर्ट ने उन्हें राहत दी। कप्पन दो साल से जेल में बंद थे। UAPA के साथ दूसरे मामलों में उन्हें सप्रीम कोर्ट से बेल मिल गई थी, लेकिन ईडी के इस केस की वजह से वो जेल में ही बंद थे।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कप्पन को सशर्त जमानत दी थी। उनको उत्तर प्रदेश की जेल से छूटने के बाद अगले 6 सप्ताह तक दिल्ली में रहना होगा और इसके बाद वे केरल जा सकेंगे। इसके अलावा, हर सोमवार को उन्हें पुलिस स्टेशन में हाजिरी देनी होगी। इसके साथ ही अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा।

ईडी ने पिछले साल फरवरी में आरोपियों के खिलाफ दायर की थी चार्जशीट

कप्पन ने लखनऊ की एक अदालत द्वारा जमानत नामंजूर किए जाने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की सिंगल जज बेंच ने उन्हें जमानत दे दी। इस महीने की शुरुआत में लखनऊ की एक अदालत ने पीएमएलए मामले में कप्पन और छह अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे। ईडी ने पिछले साल फरवरी में आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर की थी। अन्य आरोपी केए रऊफ शेरिफ, अतीकुर रहमान, मसूद अहमद, मोहम्मद आलम, अब्दुल रज्जाक और अशरफ खादिर हैं।

क्या है मामला ?

पुलिस ने दावा किया कि आरोपी प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के सदस्य हैं। कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था और आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था। उस समय कप्पन कथित रूप से हाथरस में लड़की के साथ गैंगरेप और मर्डर की घटना को कवर करने के लिए जा रहे थे। पुलिस का आरोप था कि कप्पन क्षेत्र में शांति भंग करने की साजिश का हिस्सा था। उसके वकीलों ने दावा किया कि वह महिला से जुड़े मामले की रिपोर्ट करने जा रहे थे।