Citizenship Amendment Act: पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिमों नागरिकों को भी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) में शामिल किए जाने की मांग की जा रही है। इस बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि पाकिस्तान का गठन ही मुस्लिम मुल्क के तौर पर हुआ था तो वह मुसमलमानों को क्यों सताएंगे। इसके साथ ही उन्होंने संशोधित कानून को मोदी सरकार द्वारा महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के वादे को पूरा करने वाला बताया।

कानून पर कांग्रेस के विरोध पर चुटकी लेते हुए राज्यपाल ने कहा ‘मोदी सरकार ने महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के किए गए वादों को पूरा किया है। उस वादे को पूरा किया गया है जो उन्होंने विभाजन के बाद पाकिस्तान में दुखद जीवन जी रहे अल्पसंख्यक से किया था। पाकिस्तान का गठन ही मुसलमान देश के तौर पर हुआ है ऐसे में वहां पर मुस्लिमों को कैसे प्रताड़ित किया जा सकता है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि वहां पर मुस्लिमों को प्रताड़ना सहनी पड़ती होगी।’

उन्होंने आगे कहा ‘जो लोग पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आए वह यहां पर आर्थिक अवसरों की तलाश में आए न कि उन्हें किसी ने प्रताड़ित किया। नागरिकता कानून की बुनियाद 1985 और 2003 में रखी गई थी। यानि की कानून पहले से ही तैयार था मोदी सरकार ने इसे कानूनी जामा पहनाया।’

बता दें कि केरल में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने सीएए के खिलाफ अपने अभियान को मजबूत करने के तौर पर शनिवार को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया। रमेश चेन्निथला, के सी वेणुगोपाल, मुल्लापल्ली रामचंद्रन, शशि थरूर, बेन्नी बेहनान और एम एम हसन समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस अभियान में भाग लिया। कई जिलों में पार्टी के सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं समेत कई नेताओं ने गिरफ्तारियां दी।