भारत में सबसे पहले कोरोना के मामले केरल में ही सामने आए थे। दूसरी लहर में भी कोरोना का कहर राज्य में देखने को मिला। विपक्षी दलों की तरफ से राज्य सरकार पर कोरोना से होने वाले मौतों के आंकड़ें छुपाने के आरोप पिनरायी विजयन सरकार पर लगाए जा रहे थे। अब राज्य सरकार ने कोविड से हुई मौतों को गिनने का तरीका बदलने का फैसला लिया है।
अभी केरल में कोरोना से होने वाले मौत के मामलों को राज्य स्तर पर ऑडिट कमिटी गिन रही है, लेकिन नए फैसले के बाद राज्य के 14 जिलों में अलग कमिटी का गठन होगा जो यह तय करेगी की कोविड से मौत हुई है या नहीं। मुख्यमंत्री विजयन की तरफ से जारी आदेश में डॉक्टरों से मरीज की कोविड से मौत हुई है या नहीं ये तय करने के लिए एक मानक बनाने को कहा गया है। बताते चलें कि केरल में 30 जनवरी 2020 से लेकर 4 जून 2021 तक सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9,510 लोगों की मौत हुई है।
बताते चलें कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से लगातार सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़े किये जाते रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि राज्य में कोविड निगेटिव होने के बाद हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मस्तिष्क में रिसाव से हुई मौतों को कोरोना से हुई मौतों में नहीं गिना जा रहा है। यहां तक की जो लोग ब्लैक फंगस से मर रहे हैं, उन्हें भी कोविड से हुई मौत में नहीं गिना जा रहा है।
बताते चलें कि केरल में शनिवार को एक दिन में कोविड-19 के 17,328 नए मामले सामने आए थे। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया था कि केरल में 17,328 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 25,88,385 हो गई। वहीं शनिवार को 209 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 9,719 हो गई। राज्य में दैनिक नए मामलों से ज्यादा स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या रही।
राज्य में 24,003 मरीज संक्रमण मुक्त हो गए और कुल स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 24,40,642 हो गई। उन्होंने बताया कि संक्रमित लोगों में 69 स्वास्थ्यकर्मी हैं। तिरुवनंतपुरम में सबसे ज्यादा 2,468 नए मामले सामने आए हैं।
