हाल ही में केरल में एक हथिनी की पटाखों से भरा अनानास खाने से दर्दनाक मौत का मामला काफी सुर्खियों में छाया था। शुक्रवार को केरल पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी की है। आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर पत्रकार दीपक चौरसिया, सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल उमराव और मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री के मीडिया सलाहकार अमर प्रसाद रेड्डी ने ट्वीट किया था। हालांकि उनके इन ट्वीट्स पर वह चौतरफा घिर गए, जिसके बाद तीनों ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए। दरअसल तीनों ने अपने ट्वीट में आरोपियों को संप्रदाय विशेष का बताया था। हालांकि बाद में यह खबर झूठी साबित हुई। जिसके बाद तीनों को अपने ट्वीट्स डिलीट करने पड़े।

दरअसल ‘जनता का रिपोर्टर’ की एक खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘मोहम्मद अजमत अली और तमीम शेख को केरल में हाथी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये मदरसा की देन हैं और मदरसा एजुकेशन डाटा के अनुसार, केरल एक शिक्षित राज्य है लेकिन आईएसआईएस में सबसे ज्यादा आतंकी केरल से ही जुड़े हैं।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह दीपक चौरसिया और अमर प्रसाद रेड्डी ने भी अपने अपने ट्वीट में अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों को आरोपी बताया था और दोषियों के खिलाफ केरल सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

वहीं शुक्रवार शाम को डीडी न्यूज मलयालम ने एक ट्वीट कर साफ कर दिया कि अभी तक हाथी की हत्या के मामले में एक आरोपी पकड़ा गया है और उसका नाम विल्सन है। साथ ही दो अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

यही वजह रही कि अपने ट्वीट से घटना को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में दीपक चौरसिया, प्रशांत पटेल और अमर प्रसाद रेड्डी सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए। मामला बढ़ता देख तीनों ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए हैं।

बता दें कि केरल के पलक्कड़ में एक भूखी हाथिनी ने पटाखे भरा अनानास खा लिया था। जिससे उसके मुंह में धमाका होने से हथिनी को गंभीर चोट आयी थी। इन चोटों के कारण हथिनी कुछ खा नहीं पा रही थी और आखिरकार दर्द से जूझते हुए उस हथिनी की नदी के पानी में खड़े खड़े मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम में पता चला था कि हथिनी गर्भवती थी। इस घटना के खिलाफ देश में काफी गुस्सा देखा गया था और लोगों ने सोशल मीडिया पर आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की थी।