केरल कांग्रेस के एक विधायक पुरुषों के अधिकारों के लिए विधेयक पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पुरुषों के अधिकारों के लिए आयोग की मांग को लेकर निजी विधेयक पेश करेंगे। कांग्रेस विधायक ई. पी. कुन्नापिल्ली ने कहा है कि पुरुषों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के बढ़ते झूठे और मनगढ़ंत’’ मामलों को देखते हुए वह पुरुष अधिकारों के लिए एक आयोग के गठन की मांग करते हुए विधानसभा में एक निजी विधेयक पेश करने की योजना बना रहे हैं।

एर्नाकुलम के पेरुम्बवूर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक कुन्नापिल्ली खुद एक यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी भी हैं। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि विधेयक का ड्राफ्ट तैयार है। उन्होंने कहा कि वह अपने मामले का बचाव करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं जो अदालत में पेंडिंग है। उन्होंने कहा, ‘‘एक लोक सेवक के रूप में, मेरे पास अपना मामला लड़ने का मानसिक साहस है, लेकिन कई अन्य लोग झूठे आरोपों के कारण मानसिक उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।’’

‘महिला आयोग की तरह ही पुरुषों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी एक आयोग होना चाहिए’

कांग्रेस विधायक ने कहा कि कई लोग मामलों में आरोपी हैं और झूठे आरोपों के कारण उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग पैसे देकर बच निकलते हैं जबकि अन्य भाग जाते हैं। विधायक ने सुझाव दिया कि महिला आयोग की तरह ही पुरुषों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी एक आयोग होना चाहिए।

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महिलाओं के पास कुछ अधिकार और विशेषाधिकार हैं- कांग्रेस विधायक

विधायक कुन्नापिल्ली ने कहा कि आयोग को पुरुषों को उससे संपर्क करने और शिकायत दर्ज करने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चूंकि महिलाओं को ‘कमज़ोर’ वर्ग माना जाता है इसलिए उनके पास कुछ अधिकार और विशेषाधिकार हैं लेकिन उन्हें दिए गए सुरक्षा कवच का दुरुपयोग कई यौन उत्पीड़न मामलों में पुरुषों को फंसाने के लिए किया जा रहा है।

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बॉबी चेम्मनुर मामले का हवाला देते हुए जिसमें अभिनेत्री हनी रोज के खिलाफ टिप्पणी को लेकर उन्हें 6 दिनों के लिए जेल में रखा गया, कुन्नापिल्ली ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस मामले में बहुत गहराई है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसे मामले सामने आते हैं, तो हर किसी को जेल जाना पड़ेगा।’’

(इनपुट-भाषा)