केरल भाजपा के प्रमुख के. सुरेंद्रन पर अपने बेटे केएस हरिकृष्णन को तिरुवनंतपुरम में राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी में एक टेक्निकल ऑफिसर के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद परिवारवाद के आरोप लग रहे हैं। यह संस्थान केंद्र सरकार के अधीन है। दूसरी तरफ, इन आरोपों पर के. सुरेंद्रन का कहना है कि उनके बेटे की नियुक्ति पूरी तरह से योग्यता के आधार पर हुई है।
आरजीसीबी ने दिसंबर 2021 में टेक्निकल ऑफिसर के पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। यह पद ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षित है और न्यूनतम पात्रता मानदंड 60% अंकों के साथ बीटेक थी। सेलेक्शन के लिए कुल 48 उम्मीदवारों का चयन किया गया था। इसके बाद, ऑब्जेक्टिव टाइम एग्जाम और एक लिखित परीक्षा 25 अप्रैल, 2022 को आयोजित की गई थी।
लैब परीक्षा को लेकर भी उम्मीदवारों ने लगाया आरोप
पहले दो राउंड के बाद हरिकृष्णन और तीन अन्य उम्मीदवारों को अगले दिन एक प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए चुना गया था। अन्य शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को पता चला कि हरिकृष्णन को भी इस पद के लिए चुना गया था। इसके बाद भाई-भतीजावाद के आरोप लगने शुरु हो गए। अन्य उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने प्रैक्टिकल परीक्षा के बाद आगे की प्रक्रिया के बारे में पूछा तो आरजीसीबी के अधिकारियों ने उन्हें अंधेरे में रखा।
अन्य उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि चयन प्रक्रिया के लिए कराई गई लैब परीक्षा महज एक तमाशा थी। उनका कहना था कि अधिकांश प्रश्न बायो टेक्नोलॉजी से थे जब मांगी गई योग्यता मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक थी। वहीं, अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों के बाद के. सुरेंद्रन का बयान आया है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे की नियुक्ति पूरी तरह योग्यता के आधार पर हुई है।
दूसरी तरफ, माकपा ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी अपने राजनीतिक विरोधियों के सांसदों और विधायकों की खरीद-फरोख्त कर अपना संख्याबल बढ़ाने में सफल हो रही है। इससे पहले शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि वामपंथी दल दुनिया से जल्द विलुप्त हो जाएंगे और केवल भाजपा का ही देश में भविष्य है। शाह के बयान के जवाब में माकपा ने पलटवार किया है।