Delhi BJP On Arvind Kejriwal: दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्व सीएम और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल करदाताओं के पैसे से आलीशान जीवनशैली जीते थे। उन्होंने एक आरटीआई के जरिए प्राप्त आंकड़ों का हवाला दिया, जिसमें दिखाया गया कि 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित उनके पूर्व आधिकारिक आवास, जिसे भाजपा “शीश महल” भी कहती है। उसके लिए 2015 से 2022 के बीच औसत वार्षिक रखरखाव लागत 3.69 करोड़ रुपये से अधिक है।

हालांकि, आम आदमी पार्टी ने अभी तक भाजपा के इन आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया है।

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल की पांच सितारा जीवनशैली के पीछे की सच्चाई, जिसे उन्होंने एक साधारण सरकार चलाने का दावा करते हुए छिपाने की कोशिश की थी, सबसे पहले 52 करोड़ रुपये के ‘शीश महल’ के जीर्णोद्धार से सामने आई थी। आज हम उनकी फिजूलखर्ची और शासन में कथित भ्रष्टाचार के नए सबूत पेश कर रहे हैं और हम उनसे जवाब मांगते हैं।

सचदेवा के अनुसार, आरटीआई आवेदन महाराष्ट्र के एक निवासी ने दायर किया था और दिल्ली सरकार ने 29 दिसंबर, 2023 को जवाब दिया। आवेदक ने फिर जवाब दिल्ली भाजपा को भेज दिया। जानकारी से पता चला कि 31 मार्च, 2015 से 27 दिसंबर, 2022 के बीच केजरीवाल के फ्लैगस्टाफ रोड बंगले में मरम्मत, सीवरेज, बिजली और बढ़ईगीरी के काम सहित नियमित रखरखाव पर 29.56 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

सचदेवा ने कहा कि इसका मतलब है कि औसतन 3.69 करोड़ 54 हजार 384 रुपये सालाना सिर्फ रखरखाव पर खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में उद्योगपतियों या बड़े मल्टीप्लेक्स कॉम्प्लेक्स की संपत्तियों के रखरखाव पर भी सालाना इतना खर्च नहीं होता। यह केजरीवाल के शाही मानकों को दर्शाता है या फिर इसमे भी भ्रष्टाचार का खेल होता होगा।

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उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता चाहती है कि केजरीवाल खुद सामने आयें और बतायें की उनके बंगले में ऐसी क्या कमी थी जिसके रखरखाव पर हर माह लगभग रूपए 31 लाख खर्च हो जाते थे ?

उन्होंने रखरखाव पर इतनी अधिक लागत के औचित्य पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे शहर में 3-4 करोड़ रुपये में 250-300 वर्ग गज का बंगला बनाया जा सकता है। फिर भी केजरीवाल के बंगले को सालाना रखरखाव के लिए इतनी रकम की जरूरत है? यह चौंकाने वाला है। बता दें, अरविंद केजरीवाल हाल ही में असामान्य रूप से शांत रहे हैं और मीडिया से दूर रहे हैं।

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