राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता 15 नवंबर, सोमवार को बहुत खराब श्रेणी पाई गई। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के मुताबिक राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 318 है। इस बीच दिल्ली सरकार ने अपने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में सख्त लॉकडाउन लगाने के लिए तैयार है।

इसको लेकर सर्वोच्च अदालत में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने हलफनामे में सुझाव दिया कि अगर पड़ोसी राज्यों के एनसीआर क्षेत्रों में भी लॉकडाउन लागू किया जाये तो ही दिल्ली में लॉकडाउन सार्थक होगा। वहीं दिल्ली सरकार के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि पूरा हलफनामा किसानों को कोसने को लेकर है और प्रदूषण का पूरा कारण आखिर पराली कैसे हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हलफनामे पर फटकार लगाते हुए कहा इस तरह की बहाने बाजी से हम बाध्य हो जाएंगे कि आपके प्रदूषण के लिए फंड और उसके स्लोगन पर खर्च पर ऑडिट कराने की बात सोचें। यह ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जैसी उम्मीद कार्यपालिका से होती है वैसी सामने नहीं आती।

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10% योगदान देता है। इसके अलावा प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को तीन सुझाव दिए गये। जिसमें ऑड-ईवन वाहन योजना को लागू करना, दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना, और सख्त लॉकडाउन शामिल है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने गौर करते हुए कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण धूल, भारी वाहनों का यातायात और उद्योग हैं। कहा कि अगर सरकार द्वारा सही समय पर कदम उठाए जाते हैं, तो प्रदूषण को कम स्तर पर कंट्रोल किया जा सकता था।

बता दें कि दिल्ली सरकार और केंद्र की तरफ से दिए गए सुझावों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए किन उद्योगों, किन वाहनों और किन बिजली संयंत्रों को चलने से रोका जा सकता है। और अगर ऐसी स्थिति हुई तो आप लोगों को वैकल्पिक बिजली कैसे उपलब्ध करा सकते हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए निर्माण, गैर-जरूरी परिवहन, बिजली संयंत्रों को रोकने और घर से काम लागू करने जैसे मुद्दों पर मंगलवार को एक आपात बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। वहीं इसपर अगली सुनवाई 17 नवंबर तक के लिए टाल दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा मंगलवार को होने वाली आपात बैठक में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मुख्य सचिवों को भी उपस्थित रहने के लिए कहा है।