kasturba nagar (Delhi) Election/Chunav Result 2025: दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं। इन सभी सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी को वोटिंग हुई थी और आज यानी 8 फरवरी को वोटों की गिनती हुई। कस्तूरबा नगर सीट पर पिछले तीन विधानसभा चुनाव से लगातार आम आदमी पार्टी को जीत मिलती रही थी, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा।

Delhi Vidhan Sabha Election/Chunav Result 2025 LIVE Updates: Check Here

2025 के विधानसभा चुनाव में कस्तूरबा नगर सीट से बीजेपी के नीरज बैसोया ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक दत्त को 11 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी। वहीं, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रमेश पहलवान इस बार तीसरे नंबर पर रहे।

दिल्ली में किस सीट पर कौन आगे-कौन पीछे, यहां पढ़ें सभी 70 विधानसभाओं का हाल

ECI Delhi Election Result LIVE Updates | यहां पढ़िए दिल्ली चुनाव से जुड़ी आज की ताजा खबरें

पार्टीउम्मीदवार वोट
आपरमेश पहलवान18617
बीजेपीनीरज बैसोया38067 (जीते)
कांग्रेस अभिषेक दत्त27019

कस्तूरबा नगर में पिछले तीन चुनाव के नतीजे

कस्तूरबा नगर विधानसभा सीट पर 2013 के विधानसभा चुनाव में आप के उम्मीदवार मदन लाल ने बीजेपी की उम्मीदवार शिखा राय को नजदीकी मुकाबले में 4,674 वोटों से हराया था। मदन लाल को 33,609 और शिखा राय को 28,935 वोट मिले थे।

2015 के विधानसभा चुनाव में आप उम्मीदवार मदन लाल ने 33,609 वोट जबकि बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र चौधरी को 34,870 वोट मिले थे। इस चुनाव में मदन लाल की जीत का अंतर 15,896 वोटों का रहा था।

बात अगर 2020 के विधानसभा चुनाव की करें तो तब भी मदन लाल और रविंद्र चौधरी में मुकाबला हुआ था। तब मदन लाल को 37100 और चौधरी को 33,935 वोट मिले थे। मदन लाल कड़े मुकाबले में 3,165 वोटों से जीते थे।

सालविजेता उम्मीदवार पराजित उम्मीदवार
2013 विधानसभा चुनावमदन लालशिखा राय
2015 विधानसभा चुनाव मदन लालरविंदर चौधरी
2020 विधानसभा चुनाव मदन लालरविंदर चौधरी

आप ने दर्ज की थी बड़ी जीत

आम आदमी पार्टी ने 2015 और 2020 के चुनावों में बड़े बहुमत के साथ जीत हासिल की और दिल्ली की राजनीति में खुद को स्थापित किया। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि 2015 में यह आंकड़ा 67 सीटों तक पहुंच गया था।

2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनावी मैदान में कदम रखा था। उस चुनाव में पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई लेकिन यह सरकार सिर्फ 49 दिनों तक ही टिक पाई। अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद सरकार गिर गई। इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी थी।

देखना होगा कि क्या AAP अपनी पिछली सफलताओं को इस बार भी दोहरा पाएगी या दिल्ली की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

बीजेपी एक ही बार बना सकी है सरकार

दिल्ली में पहली बार चुनाव 1993 में हुए थे तब बीजेपी ने सरकार बनाई थी लेकिन 1998 में कांग्रेस ने उसे सत्ता से हटा दिया था। 1998 से 2013 तक यहां मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ही लगातार जीत दर्ज करती रही। 2013 में आम आदमी पार्टी ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और तब स्पष्ट बहुमत न मिलने पर कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाई लेकिन उसके बाद से कांग्रेस का पिछले दो चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया और पार्टी एक भी सीट अपनी झोली में नहीं डाल सकी।