जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय के रुख से घाटी के युवा पाकिस्तान जाने को मजबूर हो सकते हैं। शुक्रवार (22 फरवरी, 2019) को महबूबा की यह टिप्पणी कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों पर पुलवामा हमले के बाद से हिंसा और मारपीट की घटनाओं को लेकर आई। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों का बहिष्कार किया गया और पीएम मोदी ने इस मसले पर एक भी शब्द नहीं कहा। वहीं, आतंकी हमले के बाद रॉय के ‘हर कश्मीरी का बहिष्कार’ वाले बयान को लेकर पीडीपी चीफ ने रॉय को तत्काल हटाने की मांग उठाई।

पीएम की चुप्पी पर महबूबा बोलीं, “पुलवामा में जो हुआ, वह हैरान करने वाला है। हम इस आतंकी हमले को भुला न पाएंगे, पर इसे लेकर कश्मीरियों के साथ देश में जो हो रहा है, वह गलत है। उन बाकियों को क्या गलती है? वे बेकसूर हैं। वे पढ़ाई या रोजगार के सिलसिले में बाहर जाते हैं। पर उनके साथ जो हिंसा और मारपीट हो रही है, उसकी आलोचना होनी चाहिए। बदकिस्मती है कि पीएम ने भी अभी तक इस मसले पर निंदा नहीं की है।”

बकौल पूर्व सीएम, “कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों के साथ जो सलूक किया जा रहा है, वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री के बारे में बहुत कुछ कहता है। हमारे राज्य के बच्चे वापस लौटने को मजबूर हैं, जबकि पीएम चुप्पी साझे हैं। यह चीज छात्रों को अकेलेपन की ओर ले जाएगी।”

मेघालय के राज्यपाल के बयान पर मुफ्ती ने एक अंग्रेजी चैनल से कहा कि रॉय के विवादित बोल कश्मीरियों को पाकिस्तान जाने पर मजबूर कर सकते हैं। बकौल पूर्व सीएम, “मेघालय के राज्यपाल को तत्काल हटा दिया जाना चाहिए। सरकार के पास कश्मीर में जमीन है, लेकिन उसे लोगों के दिल जीतने की जरूरत है। मगर ऐसा ही रवैया रहा, तब कश्मीरी पाक जाने पर मजबूर हो जाएंगे।”

दरअसल, रॉय ने 19 फरवरी को एक पूर्व सैन्य अधिकारी के बयान का समर्थन किया था, जिसमें पुलवामा हमले को लेकर उन्होंने कश्मीर की हर चीज का बहिष्कार करने का आह्वान किया था। रॉय ने ट्वीट कर कहा था- यह सेवानिवृत्त कर्नल की अपील है कि लोग कश्मीर न जाएं। दो साल तक अमरनाथ यात्रा न करें। कश्मीर का सामान न खरीदें। हर कश्मीरी चीज का बहिष्कार करें। मैं इसका समर्थन करता हूं।