तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और राजनेता विजय की रैली में मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो चुकी है। इस हादसे को लेकर तमिलनाडु पुलिस के डीजीपी वेंकटरमण ने बताया कि विजय के देरी से पहुंचने के कारण भीड़ बढ़ गई। उन्होंने यह भी कहा कि रैली में आए लोगों के पास पर्याप्त भोजन और पानी की कमी थी।
करूर में भगदड़ स्थल का दौरा करने के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए एडीजीपी डेविडसन देवसिरवथम ने बताया कि विजय की रैली के लिए लगभग 500 पुलिस अधिकारी तैनात किए गए थे।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसे आयोजनों में 15 से 20 हजार लोगों की भीड़ होने की उम्मीद होती है, लेकिन यहां हमें नहीं पता कि कितने लोग इकट्ठा हुए थे। हमने अभी जांच शुरू की है। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि हादसे में 40 लोग घायल भी हैं, जिनका इलाज चल रहा है। घायलों में से एक की हालत गंभीर है।
स्टालिन ने जांच आयोग का गठन किया
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस हादसे के तुरंंत बाद शनिवार शाम को स्थिति की समीक्षा के लिए सचिवालय में राज्य के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई। उन्होंने इस घटना की जांच के लिए जस्टिस अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक जांच आयोग के गठन की भी घोषणा की।
दूसरी तरफ, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से भगदड़ पर रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी करूर में भगदड़ के बाद की स्थिति की जानकारी लेने के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और स्टालिन से बात कर हर संभव केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया।
अधिकारियों ने क्या बताया?
न्यूज एजेंसी पीटीआई को अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ शनिवार शाम करीब साढ़े सात बजे उस समय मची जब विजय अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे। भारी संख्या में समर्थक दोपहर में ही इकट्ठा हो गए थे और टीवीके नेता व फिल्म कलाकार की एक झलक पाने के लिए घंटों से इंतजार कर रहे थे। विजय की पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने जब लोगों को बेहोश होते और गिरते देखकर शोर मचाया तब उन्होंने अपनी रैली रोक दी। बेहोश होने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
यह भी पढ़ें: ‘मेरा दिल टूट गया’, करूर में हुई भगदड़ पर विजय ने तोड़ी चुप्पी, रजनीकांत-कमल हासन ने भी जताया दुख