कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को भेजे गए ED के नोटिस पर रोक लगा दी है। पार्वती को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) जमीन घोटाला केस में ED ने नोटिस जारी किया था। पार्वती और मंत्री भारती सुरेश ने ED के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी।
उन्हें ED के बेंगलुरु ऑफिस में 28 जनवरी को सुबह 11 बजे सबूत और रिकॉर्ड पेश करने के लिए बुलाया गया था। पार्वती की अपील पर कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस नागप्रसन्ना ने 10 फरवरी 2025 को होने वाली अगली सुनवाई तक ED के नोटिस पर रोक लगा दी है।
पीएमएलए के तहत चल रही जांच
ईडी के अतिरिक्त निदेशक मुरलीकन्नन ने बताया कि वे धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत मामले की जांच कर रहे हैं। पीएमएलए के तहत जांच या कार्यवाही के संबंध में सबूत देने और रिकॉर्ड पेश करने के लिए पार्वती की को ईडी कार्यालय बुलाया गया है। बता दें कि ईडी के साथ लोकायुक्त भी इस मामले की जांच कर रही है।
क्या है MUDA स्कैम?
मुडा साइट आवंटन मामले में यह आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को मैसूर के एक पॉश इलाके में साइटें आवंटित की गईं, जिसका मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था। इस भूमि को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत किया गया था। आरोप है कि सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए MUDA द्वारा अधिग्रहित 3 एकड़ 16 गुंटा भूमि के बदले में अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर 14 साइटों का मुआवजा प्राप्त किया।
दरअसल, सीएम सिद्धारमैया की पत्नी की 3.16 एकड़ भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके केसारे में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार में दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।
विपक्ष का आरोप- पार्वती को साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई
जिसके बाद मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ। विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है।
इससे पहले 17 जनवरी को MUDA भूमि आवंटन मामले में ED ने बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य से जुड़े MUDA मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 300 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति की 140 से अधिक इकाइयां कुर्क की थीं। ईडी ने एक बयान में कहा था कि कुर्क की गई संपत्तियां विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं जो रियल एस्टेट व्यवसायियों और एजेंटों के रूप में काम कर रहे हैं। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स