हिजाब पहनने और नहीं पहनने को लेकर कुछ लोगों के सवाल उठाने और सड़क पर विवाद करने का मुद्दा गरमाता जा रहा है। कर्नाटक के बाद अब यह विवाद भाजपा शासित मध्य प्रदेश और पुडुचेरी में भी फैल गया है। ड्रेस कोड को लेकर दोनों जगह सख्त निर्देश दिए गए हैं। मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में नए ड्रेस कोड पर विचार किया जा रहा है और नए शिक्षण सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने स्कूलों में सिर्फ ड्रेस पहने जाने की वकालत की है और कहा है कि आज के समाज में परपंरागत रूढ़िता का बंधन हर जगह रखना ठीक नहीं है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं उन्हें अपने समाज का आकलन करना चाहिए.
पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा:
हिजाब को लेकर विवाद के चलते कर्नाटक में शुरू हुआ प्रदर्शन मंगलवार को पूरे राज्य में फैल गया। कॉलेज परिसरों में पथराव की घटनाओं के कारण पुलिस को बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जहां ‘टकराव-जैसी’ स्थिति देखने को मिली। इस बीच, सरकार और उच्च न्यायालय ने शांति बनाये रखने की अपील की। अदालत, हिजाब पहनने के छात्राओं के अधिकार के लिए उनकी एक याचिका पर विचार कर रही है। इस मुद्दे के एक बड़े विवाद का रूप धारण कर लेने के बाद, राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में शैक्षणिक संस्थानों में तीन दिनों के अवकाश की घोषणा की।
सोशल मीडिया पर कमेंट से बढ़ा विवाद :
उडुपी जिले के मणिपाल स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज में मंगलवार को उस समय तनाव काफी बढ़ गया, जब भगवा शॉल ओढ़े विद्यार्थियों और हिजाब पहनी छात्राओं के दो समूहों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में मांडया में लड़कों का एक समूह हिजाब पहनी लड़कियों से बदसलूकी करते नजर आ रहा है। हालांकि, सोशल मीडिया पर इन लड़कियों के पक्ष में समर्थन उमड़ पड़ा। हिजाब पहनने के अधिकार की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखने पर जोर देने वाली लड़की ने कहा कि उसे शिक्षकों का समर्थन प्राप्त है और भगवा शॉल ओढ़े उसे रोकने वाले लड़के बाहरी थे।
उसने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘कक्षा में सभी ने…हमारे प्राचार्य और लेक्चरर ने हमारा समर्थन किया।’’ उडुपी, शिवमोगा और बगलकोट में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में तनाव व्याप्त है जिसके चलते पुलिस और अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। पथराव की एक घटना बगलकोट के राबकावी बनहट्टी में हुई, जहां कुछ छात्रों ने परिसर में घुसने की कोशिश की। लेकिन उन्हें पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर तितर बितर कर दिया। बताया जाता है कि घटना में कुछ छात्र और शिक्षक घायल हो गये।
शिवमोगा शहर में दो दिनों के लिए धारा 144 लगी:
इसी तरह की घटना शिवमोगा जिले में भी होने की सूचना है। वहां छात्रों सहित कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। मंगलवार को शिवमोगा शहर में दो दिनों के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई। शिवमोगा में कुछ छात्रों ने कॉलेज परिसर में भगवा ध्वज फहराने की कोशिश की। इस तरह के प्रदर्शन मांडया, विजयपुरा, गडाग, दक्षिण कन्नड़ा, दावणगेरे और चित्रदुर्ग में भी हुई।
प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने कहा कि करीब 5,000 प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में केवल 10-12 संस्थानों में टकराव जैसी स्थिति पैदा हुई। उन्होंने कहा, ‘‘जब अधिकारी उडुपी में हिजाब पहनी छात्रों को मनाने की कोशिश कर रहे थे तभी कुछ तत्वों ने इसे कुंडापुर और राज्य के अन्य हिस्सों में फैला दिया…राजनेताओं के बयान ने भी इसे अन्य हिस्सों में फैलाने में मदद की।’’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया ने कथित तौर पर विवाद को भड़काया। उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, ‘‘मैं सभी छात्रों, शिक्षकों और कॉलेजों से तथा कर्नाटक के लोगों से शांति एवं सौहाद्र बनाये रखने की अपील करता हूं। ’’