कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ट्विटर एमडी मनीष माहेश्वरी के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी नोटिस को रद्द कर दिया है। गाजियाबाद पुलिस ने माहेश्वरी को आमने-सामने पूछताछ के लिए समन भेजा था। इस पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस या तो वर्चुअल तौर पर इंक्वायरी कर ले या बेंगलुरु में ट्विटर एमडी के दफ्तर या घर पर उनसे पूछताछ के लिए पहुंचे।
उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति पर हमले के सिलसिले में आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के लिए माहेश्वरी को समन भेजा था। बेंगलुरू में रहने वाले ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को गाजियाबाद पुलिस ने 21 जून को नोटिस जारी कर लोनी बॉर्डर थाने में रिपोर्ट करने और मामले में अपना बयान दर्ज कराने को कहा था।
इस मामले में माहेश्वरी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया था। इसके बाद पहले तो हाईकोर्ट ने माहेश्वरी के खिलाफ किसी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी और अब यूपी पुलिस के समन को भी खारिज कर दिया। हालांकि, यूपी पुलिस ने पहले ही कर्नाटक हाईकोर्ट के एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून को ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशन्स इंडिया, समाचार पोर्टल द वायर, पत्रकारों मुहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब के साथ ही कांग्रेस नेताओं सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, शमा मोहम्मद तथा लेखिका सबा नकवी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उन पर मारपीट का शिकार हुए बुजुर्ग व्यक्ति के वीडियो को सांप्रदायिक अशांति फैलाने के मकसद से प्रसारित करने के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया।