Karnataka High Court: कर्नाटक हाई कोर्ट ने साइबर सुरक्षा की वजह से सभी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा बंद कर दी है। साइबर सुरक्षा को देखते हुए, बेंगलुरु, धारवाड़ और कालाबुरागी में कर्नाटक हाई कोर्ट ने सभी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाएं फिलहाल निलंबित कर दी गई हैं।

हाई कोर्ट के मुख्य जज प्रसन्ना बी वराले कहा, ‘एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। हम लाइव स्ट्रीमिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर रोक लगा रहे हैं। हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, लाइव स्ट्रीमिंग सुविधा की परमिशन नहीं दे रहे हैं। कुछ शरारती तत्व हरकत कर रहे हैं, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।

‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है’

मुख्य जज प्रसन्ना बी वराले ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग किया जा रहा है। यदि ऐसा किया जाता है, तो रजिस्ट्रार और कंप्यूटर टीम के पास यह पूछने में जल्दबाजी न करें कि हमारी अनुमति क्यों नहीं दी गई। कृपया, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और अभूतपूर्व घटना है। अन्यथा कर्नाटक हाई कोर्ट हमेशा बड़े पैमाने पर जनता के साथ-साथ वकीलों के लिए बेहतर सेवाओं के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के पक्ष में था, लेकिन जो हालात हम देख रहे हैं, उसको देखते हुए हमें यह निर्णय लेना होगा।’

हाई कोर्ट ने 2021 में ट्रायल बेसिस के आधार पर कोर्ट कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग शुरू की थी। पहली लाइव-स्ट्रीमिंग 31 मई को कर्नाटक हाई कोर्ट के आधिकारिक यूट्यूब पेज पर उपलब्ध कराई गई थी। लाइव-स्ट्रीमिंग की जाने वाली पहली सुनवाई कोर्ट हॉल नंबर एक में हुई थी। जहां मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की बेंच बैठी थी।

हाई कोर्ट ने 2022 में कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग पर कर्नाटक नियमों को अधिसूचित किया था, जो 1 जनवरी, 2022 से लागू हुआ।