सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अदालती कार्यवाही के दौरान एक महिला वकील के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस द्वारा की गई कथित विवादास्पद और आपत्तिजनक टिप्पणियों का स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ सहित वरिष्ठ न्यायाधीशों की पांच न्यायाधीशों की पीठ हाई कोर्ट के जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद द्वारा की गई टिप्पणियों पर संज्ञान लेने के लिए सुबह बैठी।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले का लिया स्वत: संज्ञान

पीठ ने जज की टिप्पणी पर हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी। सीजेआई ने कहा, “अदालती कार्यवाही के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा की गई टिप्पणियों पर मीडिया रिपोर्ट में हमने पढ़ा है। हम कर्नाटक हाई कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वह हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से निर्देश लेने के बाद रिपोर्ट पेश करें।”

सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और हृषिकेश रॉय भी शामिल थे। पीठ ने कहा, “हम कुछ बुनियादी दिशानिर्देश बना सकते हैं।” सीजेआई ने कहा कि रिपोर्ट दाखिल करने की यह कवायद अगले दो दिनों में की जा सकती है और रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के महासचिव के पास दाखिल की जाएगी। याचिका अब बुधवार को सुनवाई के लिए तय की गई है।

अदालती कार्यवाही के एक वायरल वीडियो में जज गुरुवार को एक महिला वकील को फटकार लगाते नजर आए और कथित तौर पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने सीजेआई से टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लेने की बात कही थी।

जजों को लेकर सामने आई जानकारी

इस बीच सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा 33 न्यायाधीशों में से 27 ने भारत के CJI डीवाई चंद्रचूड़ को अपनी संपत्ति और देनदारियों की घोषणा की है। एक साल पहले ही संसद की कार्मिक, लोक शिकायत और कानून और न्याय समिति द्वारा सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की संपत्ति और देनदारियों की अनिवार्य घोषणा के लिए कानून की सिफारिश की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वेबसाइट पर बदलाव 7 अगस्त को किया गया था। अधिकारी ने कहा कि जिन्होंने पद छोड़ दिया है, उनके रिकॉर्ड हटा दिए गए हैं।