कर्नाटक सरकार ने दक्षिण कन्नड़ जिले में सांप्रदायिक हत्याओं के चार पीड़ितों के परिवारों को ₹25 लाख के मुआवजे की घोषणा की है। दंगों के दौरान जान गंवाने वाले दीपक राव, मोहम्मद फाजिल, मोहम्मद मसूद और अब्दुल जलील के परिवार 19 जून को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास कृष्णा में यह मुआवजा हासिल करेंगे।
डिप्टी कमिश्नर एमआर रवि कुमार ने 16 जून को घोषणा की है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक की अनुशंसा के आधार पर मुआवजे की मंजूरी दी है. मुआवजे का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जा रहा है।
अलग-अलग हमलों में मारे गए चारों
कर्नाटक में हुई अलग-अलग हिंसा में इन चारों की मौतें हुई थी। 30 वर्षीय दीपक राव, मोबाइल फोन रिचार्ज आउटलेट में काम करते थे। वह बजरंग दल के कार्यकर्ता थे। सुरथकल पुलिस थाना क्षेत्र के कटिपल्ला-कृष्णापुरा में कथित तौर पर 13 लोगों के एक समूह ने उनकी हत्या कर दी थी।
19 वर्षीय मसूद पर 19 जुलाई को बेल्लारे पुलिस थाने के कलंजा गांव में आठ लोगों ने कहासुनी के बाद कथित तौर पर हमला किया था। उन्होंने 21 जुलाई को मंगलुरु के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
22 वर्षीय फाजिल को 28 जुलाई को सुरथकल में कथित तौर पर निशाना बनाया गया था, दो दिन बाद बेल्लारे थाना क्षेत्र में भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रवीण नेतरू की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने 2 अगस्त को हत्या के सिलसिले में सुहान शेट्टी और पांच अन्य को गिरफ्तार किया था।
सुरथकल पुलिस थाना क्षेत्र के कटिपल्ला में 45 वर्षीय जलील की उनकी दुकान के भीतर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या के मामले में शैलेश समेत अन्य को गिरफ्तार किया था।
जहां फाजिल के पिता उमर फारूक ने 2022 में मुआवजे की मांग के लिए मुख्यमंत्री से याचिका दायर की थी, वहीं कई संगठनों ने कर्नाटक सरकार से सांप्रदायिक हत्याओं के सभी पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने का आग्रह किया था।
अब्दुल जलील एक 45 वर्षीय दुकानदार था, जिसकी 24 दिसंबर, 2022 को सुरथकल में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एक महिला सहित पांच लोगों को हिरासत में लिया गया था।