कर्नाटक में मॉल घूमने गए किसान को सिर्फ इसलिए रोक दिया गया क्योंकि उसने धोती पहन रखी थी। यह मामला उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बयान के बाद काफी चर्चा में आ गया। उन्होंने कहा कि सरकार पारंपरिक कपड़ों पर दिशा-निर्देश जारी करेगी। अब इस मामले पर बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) एक सामने आया है। जिसमे कमर्शियल दुकान या कॉम्प्लेक्स में नागरिकों के साथ भेदभाव पर रोक लगा दी गई है।

BBMP के दिशा-निर्देश में क्या है?

बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने निर्देश दिया है कि लोगों को एंट्री के दौरान भाषा, जाति, नस्ल, धर्म, पोशाक और जन्म स्थान के आधार पर ना रोका जाए। ऐसे भेदभाव को बैन करने वाले दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। आदेश में मालिकों को कहा गया है कि वह अपनी दुकान मॉल आदि पर पेरहदरी कर रहे गार्डस को ट्रेनिंग दें और बताएं कि किसी के साथ ऐसा भेदभाव ना किया जाए।

आगे से ना आए ऐसा मामला : BBMP

बीबीएमपी ने अपने आदेश में कहा है कि नियमों का पालन न करने पर लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं और दुकानें बंद की जा सकती हैं। इसके अलावा बीबीएमपी ने कहा है कि भविष्य में भेदभाव की किसी भी घटना के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मामला क्या था?

कर्नाटक में पिछले महीने फकीरप्पा नाम के किसान को कथित तौर पर धोती पहनने के कारण मॉल में प्रवेश से रोक दिया गया था। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, कई कन्नड़ समर्थक और किसान समर्थक संगठनों ने मॉल के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। कई मॉल बंद भी कर दिए गए थे।

यह मामला विधानसभा तक पहुंच गया और काफी बवाल हुआ। जिसके बाद कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने एक बयान जारी कर कहा था कि इसके लिए सरकार एक फैसला लाएगी, ताकि पारंपरिक पोशाक को लेकर इस तरह का भेदभाव फिरसे सामने ना आए। अब बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के आदेश के बाद कमर्शियल दुकाने या मॉल इसका सख्ती से पालन करेंगे।