कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा द्वारा अपने 17 महीने पुराने कैबिनेट में विस्तार के लिए बुधवार को सात नए नामों की घोषणा किए जाने के बाद राज्य भाजपा में नाराजगी की स्थिति पैदा हो गई है। सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने जनता द्वारा नहीं निर्वाचित एमएलसी को मंत्री बनाए जाने, कुछ क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व में कमी और उनकी ‘वरिष्ठता और काम’ पर ध्यान नहीं दिए जाने को लेकर नाराजगी जतायी। राज्य में ज्यादातर मंत्री बेंगलुरु और बेलगावी जिलों से हैं।
येदियुरप्पा ने आज दिन में विधायकों उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, मुरुगेश निरानी, सी. पी. योगेश्वर, एस. अंगारा और एमएलसी एम. टी. बी. नागराज और आर. शंकर को मंत्री पद का शपथ दिलाने की घोषणा की है। इसके बाद मंत्री पद पाने के इच्छुक कुछ भाजपा विधायकों ने नाराजगी जाहिर की है। येदियुरप्पा की आलोचना करने वाले विजयपुरा सिटी के विधायक बी. पाटिल यत्नाल ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह वरिष्ठता और ईमानदारी को ध्यान में रखे बगैर ब्लैकमेल होकर नियुक्तियां कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री और उनके परिवार पर कर्नाटक भाजपा को हाईजैक करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह राज्य को येदियुरप्पा परिवार के वंशवाद की राजनीति से मुक्त कराएं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री उन्हें ब्लैकमेल करने वालों को मंत्री बना रहे हैं। तीन लोग… एक राजनीतिक सचिव और दो मंत्री पिछले तीन महीने से येदियुरप्पा को सीडी के माध्यम से ब्लैकमेल कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनमें से एक आज मंत्री बनेगा, सीडी से ब्लैकमेल के अलावा विजयेन्द्र (मुख्यमंत्री के पुत्र) को धन देना भी शामिल है।’ बता दें कि कर्नाटक में 17 महीने पुरानी कैबिनेट का बुधवार को विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने सात नए मंत्रियों को शामिल किया। राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।
नए मंत्रियों में विधायक उमेश कट्टी (हुक्केरी), एस. अंगारा (सुल्लिआ), मुरुगेश निरानी (बिल्गी) और अरविंद लिम्बावली (महादेवपुरा) और एमएलसी आर. शंकर, एम. टी. बी. नागराज और सी. पी. योगेश्वर शामिल हैं। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा, उनकी कैबिनेट सहयोगी, भाजपा नेता और पदाधिकारी, पार्टी के महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, नए मंत्रियों के परिजन और समर्थक सहित अन्य लोग उपस्थित थे। जुलाई 2019 में येदियुरप्पा के फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद यह कैबिनेट का तीसरा विस्तार है।
