कर्नाटक विधानसभा में बहुमत परीक्षण से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकीलों के गैर-हाजिर करने को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने गुरुवार (25 जुलाई, 2019) को नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि जब आपको जल्दी होती है, तब आप आधी रात को चले आते हैं। पर जब मैं बुलाता हूं, तो नहीं आते हो।

दरअसल, दो विधायकों ने फ्लोर टेस्ट को लेकर दी गई याचिका में कहा था विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग के बाद जो फ्लोर टेस्ट था, वह व्यर्थ साबित हुआ। कोर्ट में जब यह मामला कल सुनवाई के लिए आया तब न तो याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी मौजूद थे और न ही स्पीकर का पक्ष रखने वाले सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी उपस्थित थे।

सीजेआई ने हालिया मामले पर कहा कि वह वरिष्ठ वकीलों की गैर-हाजिरी में कोई भी आदेश जारी नहीं करेंगे। ऐसे में मामला गुरुवार को फिर सुनवाई के लिए आया, तो वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी (स्पीकर की ओर से) और राजीव धवन (पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी की तरफ से) मौजूद रहे। हालांकि, मुकुल रोहतगी वहां नहीं थे।

धवन ने कोर्ट को बताया कि चूंकि याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में नहीं हैं, इसलिए याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका वापस लेने की इच्छा जताई है और प्रतिवादियों को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

सीजेआई ने इसके बाद कहा, “जब आप (वरिष्ठ वकील) लोगों को अर्जेंट सुनवाई करानी होती है, तब आप सब यहां होते हैं। आप सुबह साढ़े 10 बजे, दोपहर दो बजे और यहां तक मध्य रात्रि को भी आ जाते हैं, पर जब हम बुलाते हैं, तब आप नहीं आते हैं।” उन्होंने बाद में याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।