भारतीय सशस्त्र बलों की जीत का जश्न मनाने और ‘ऑपरेशन विजय’ में गनर्स के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए, कारगिल के द्रास सेक्टर में प्वाइंट 5140 का नाम ‘गन हिल’ रखा गया है। श्रीनगर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

प्रवक्ता ने कहा कि घातक और सटीक मारक क्षमता के साथ भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट, दुश्मन सैनिकों और उनके गढ़ों पर असर डालने में सक्षम है। इसमें प्वाइंट 5140 भी शामिल है जो ऑपरेशन को जल्दी पूरा करने में महत्वपूर्ण कारक था।

प्वाइंट 5140 को गन हिल का नाम: 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना के जवानों ने ऑपरेशन विजय के तहत कारगिल के द्रास सेक्टर के पॉइंट 5140 पहाड़ी पर तिरंगा फहराया था। जवानों की उसी शानदार जीत का जश्न मनाने के लिए भारतीय सेना ने यह अहम कदम उठाया है। दरअसल, कारगिल सेक्टर में ऑपरेशन विजय में गनर्स और सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए द्रास में प्वाइंट 5140 को गन हिल का नाम दिया गया है।

कारगिल युद्ध विजय की याद में: सेना ने कारगिल युद्ध की विजय में बोफोर्स तोप और गनर्स की भूमिका की याद में द्रास सेक्टर की प्वाइंट 5140 पहाड़ी का नाम अब ‘गन हिल’ कर दिया है। इस मौके पर तोपखाने की रेजिमेंट की ओर से द्रास के कारगिल युद्ध स्मारक में लेफ्टिनेंट जनरल टीके चावला, आर्टिलरी के महानिदेशक ने ऑपरेशन में भाग लेने वाले सीनियर गनर्स के साथ पुष्पांजलि अर्पित की। फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने भी इस अवसर पर माल्यार्पण किया।

527 वीर सैनिकों ने दी थी शहादत: ये समारोह आर्टिलरी रेजिमेंट के सभी वरिष्ठों की उपस्थिति में आयोजित किया गया था, जिन्हें ऑपरेशन विजय में कारगिल की उपाधि मिली थी। इस अवसर पर सेवारत अधिकारी भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला किया था, जिसमें 527 वीर सैनिकों ने शहादत देकर प्वाइंट 5140 पर तिरंगा लहराया था और भारत की जीत को सुनिश्चित किया था। कारगिल का यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लगभग तीन महीने तक चला था। 1300 से ज्यादा सैनिक इस जंग में घायल हुए थे।