उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने प्रचार के खर्च के सात दिन में 52 लाख रुपए ‘क्राउडफंडिंग’ से जमा किए। ‘क्राउडफंडिंग’ के तहत किसी विशेष कार्य के लिए लोगों से चंदा जमा किया जाता है।कन्हैया का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा सांसद मनोज तिवारी से है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार ने अपने चुनाव प्रचार के लिए 15 मई को ‘फ्यूलएड्रीम’ वेबसाइट के जरिए चंदा मांगना शुरू किया था।
बुधवार रात नौ बजे तक कन्हैया को 2,250 लोगों से करीब 52 लाख रुपए चंदा मिल गया था। कन्हैया को दान देने वालों में हास्य कलाकार कुणाल कामरा, फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज और उनकी पत्नी, गायिका रेखा भारद्वाज, पूर्व जेएनयू प्रोफेसर जयति घोष, विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर मोहन राव और हरबंस मुखिया, यहां तक कि जान्स हापकिंस विश्वविद्यालय सहित विदेशी विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी शामिल हैं।
कन्हैया कुमार ने रखा 75 लाख रुपये चंदे का लक्ष्य
कन्हैया ने कुल 75 लाख रुपए चंदे का लक्ष्य रखा है जो करीब 70 फीसद पूरा हो गया है जबकि अभी एक दिन शेष है। कन्हैया ने ‘क्राउडफंडिंग’ की शुरुआत करते समय एक वीडियो संदेश दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि जय हिंद दोस्तो, मैं कन्हैया कुमार, इस बार उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार हूं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव हमारे लिए शांति, प्रगति और न्याय का चुनाव है। जिस तरह से विपक्ष की आवाज पर ताला लगाया जा रहा है और जिस तरह से विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला जा रहा है। उस तानाशाही को रोकने के लिए यह चुनाव है।
मैं देश के 18 साल से अधिक उम्र के नागरिकों से अपील करता हूं कि आप इस चुनाव मुहिम में सहयोग कीजिए। उन्होंने कहा कि आप फ्यूलएड्रीम’ वेबसाइट के जरिये ‘क्राउडफंडिंग’ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव को हम लोगों के चंदे से लड़ेंगे। हमारा मानना है कि जनता की लड़ाई, जनता के सहयोग से ही लड़ी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट के अलावा हमने कोई गूगल पे आदि का नंबर जारी नहीं किया है।
कन्हैया ने कहा कि आपका छोटा-बड़ा हर सहयोग हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है। चुनाव आयोग की ओर से इस पर कोई सीमा नहीं है कि पार्टियां कितना खर्च कर सकती हैं। बड़े लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवार 95 लाख रुपए और छोटे निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 75 लाख रुपए तक सीमित हैं।
