मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। कुछ महीनों पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद से ऐसी अटकलें चल रही थीं कि कमलनाथ कांग्रेस हाईकमान से नाराज चल रहे हैं। अब उन सभी अटकलों को बल मिलने लगा है और माना जा रहा है कि किसी भी वक्त कमलनाथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। उनके साथ नकुलनाथ भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
अब अभी के लिए तो ये सिर्फ अटकलें हैं, लेकिन कांग्रेस से नाराज होने के कमलनाथ के पास अपने कई कारण मौजूद हैं। विधानसभा चुनाव में हार से लेकर कोई बड़ा पद ना मिलने तक, कई ऐसी बातें हैं जो अंदरखाने कमलनाथ को सता रही थीं। आइए आपको कमलनाथ के कांग्रेस से नाराजगी के पांच संभावित कारण बताते हैं-
कारण नंबर 1- हार के लिए सिर्फ कमलनाथ जिम्मेदार
इस बार के मध्य प्रदेश चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जनादेश हासिल किया। दो दिहाई वाली बहुमत ने कांग्रेस को इस राज्य में काफी कमजोर कर दिया। अब कांग्रेस के लिए क्योंकि एमपी में चेहरा कमलनाथ थे, ऐसे में जब बड़ी हार का सामना करना पड़ा तो सारी जिम्मेदारी भी उन्हीं के ऊपर डाल दी गई। इसके ऊबर सपा और उद्धव गुट की शिवसेना तक ने कमलनाथ को ही उस हार के लिए जिम्मेदार बताया। लेकिन क्योंकि कांग्रेस हाईकमान ने उनका कोई बचाव नहीं किया, इससे पूर्व सीएम आहत बताए गए।
कारण नंबर 2- अध्यक्ष पद छीन लिया गया
कमलनाथ के पास मध्य प्रदेश में सिर्फ अध्यक्ष पद के रूप में ही एक बड़ा पोस्ट मौजूद था। उस पद की वजह से ही वे राज्य की सियासत में खुद को सक्रिय रख रहे थे। लेकिन एमपी में मिली करारी हार के बाद बताया जा रहा है कि कमलनाथ पर इस्तीफा देने का दबाव था। सामने से तो पार्टी नेताओं ने तो ज्यादा कुछ नहीं बोला, लेकिन जब राहुल गांधी के करीबी जीतू पटवारी को कमान सौंप दी गई, स्थिति एकदम साफ हो चुकी थी।
कारण नंबर 3- बड़े पद की लालसा, खाली हाथ रह गए
ये बात किसी से नहीं छिपी है कि 2018 से पहले तक तो कमलनाथ को केंद्र की राजनीति के लिए रखा गया था। वे राष्ट्रीय राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे थे। लेकिन 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें एमपी भेजा गया और फिर उसके बाद से वे वहीं फंस कर रह गए। बाद में जब चुनाव में हार मिली, ऐसा कहा गया कि कमलनाथ को कांग्रेस फिर दिल्ली की राजनीति में बुला लेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, वहीं इस बार जब चुनाव में करारी हार हुई, उन्हें फिर भी एमपी तक ही सीमित रखा गया।
कारण नंबर 4- राज्यसभा की नहीं मिली टिकट
इस बार जो राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं, उसमें पहले कहा गया था कि एमपी से भी सोनिया गांधी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। लेकिन जब सोनिया ने खुद राजस्थान की राह पर जाना सही समझा तो पार्टी ने एमपी से दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले अशोक सिंह को राज्यसभा भेजने का ऐलान कर दिया। माना जा रहा है कि ये अनदेखी भी कमलनाथ को नाराज कर गई थी।
कारण नबंर 5- दिग्विजय सिंह के साथ तकरार
मध्य प्रदेश कांग्रेस में लंबे समय से दो धड़े सक्रिय चल रहे हैं- एक कमलनाथ का गुट है तो दूसरा दिग्विजय सिंह का गुट भी है। अब विधानसभा चुनाव के दौरान भी कई मौकों पर प्रत्याशियों को लेकर दोनों नेताओं के बीच में जुबानी जंग दिखी थी। यहां तक हुआ था कि कमलनाथ को कहना पड़ गया था कि टिकट मांगने के लिए दिग्विजय सिंह का कपड़ा फाड़ो। अब कमलनाथ गुट के नेता मानते हैं कि पूर्व सीएम के खिलाफ जो माहौल पार्टी के अंदर ही तैयार हुआ है, उसके लिए कहीं ना कहीं दिग्विजय सिंह जिम्मेदार हैं।