मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ बीजेपी का दामन नहीं थामेंगे। ऐसा सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है। हालांकि उनके बेटे नकुलनाथ और कांग्रेस के कुछ विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
मीडिया रिपोर्टस और कुछ सियासी अटकलों के मुताबिक कमलनाथ की राहुल गांधी के साथ बातचीत हुई है, जिसके बाद उन्होंने पार्टी में बने रहने का फैसला किया है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी ज़ोर देकर कहा था कि उनकी पूर्व सीएम कमलनाथ के साथ बातचीत हुई है और वह ऐसा फैसला नहीं लेने वाले हैं।
क्या है चर्चा?
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह सब अफवाहें थीं और इनके लिए मीडिया पूरी तरह जिम्मेदार है। जीतू पटवारी ने कहा, “यह कमलनाथ के खिलाफ एक साजिश थी। मैंने उनसे बात की और उन्होंने कहा कि ये सभी बातें सिर्फ अफवाहें हैं, और वह कांग्रेस के हैं और कांग्रेस के रहेंगे। वह अपनी आखिरी सांस तक कांग्रेस की विचारधारा पर कायम रहेंगे।” हालांकि कांग्रेस की ओर से नकुलनाथ और कांग्रेस विधायकों के सवाल पर फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है।
लेकिन अफवाहों को नकारते क्यों नहीं दिखे कमलनाथ?
जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह के बयानों से अलग अगर खुद कमलनाथ के दो बार मीडिया को दिए गए बयानों पर नजर डालेंगे तो समझ आएगा कि कमलनाथ बीजेपी में जाने का प्लान तो बना चुके थे लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया, हालांकि यह एक कयास है। कमलनाथ से जब मीडिया ने पूछा कि क्या वह सच में बीजेपी में जा रहे हैं तो कमलनाथ ने कहा था कि ‘अगर ऐसा कुछ ऐसा होगा तो वह मीडिया को सबसे पहले बताएँगे’…उनके बयान से क्या समझा जाए?
वह साफ तौर पर यह क्यों नहीं कह पाए कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं और यह महज़ अफवाह हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस ने ऐसा क्या नहीं दिया, वह कांग्रेस छोड़ कर जाएं ऐसा नहीं हो सकता है।