मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। शिवराज कैबिनेट में दो पुराने चेहरों को जगह को मिली है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को मंत्री पद की शपथ दिलाई है। ये दोनों मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के हैं। हालाँकि मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी नेताओं को संतोष करना पड़ा है।

तीन नवंबर को मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे जिसमें से 19 सीटें भाजपा को मिली थी। जिससे सदन में भाजपा की कुल सीटें 126 हो गयी थी। तभी से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही थी। इस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटें मिली थी। जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुए थे उनमें से अधिकांश सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफ़ा देने से खाली हो गयी थी। इस्तीफ़ा देने वाले सभी कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।

यह शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल का तीसरा विस्तार है। पिछले साल मार्च में सरकार गठन के वक्त मुख्यमंत्री के साथ सिर्फ पांच मंत्रियों ने शपथ ली थी। फिर दो जुलाई को 28 मंत्रियों ने शपथ ली थी। हालाँकि गोविंद सिंह और तुलसी सिलावट पहले से ही मंत्रिमंडल में शामिल थे लेकिन तब वह विधायक नहीं थे। जिसके चलते उन्हें नवंबर में हुए उपचुनाव से पहले इस्तीफ़ा देना पड़ गया था। उस समय तुलसी सिलावट के पास जल संसाधन विभाग का ज़िम्मा था और गोविंद सिंह के पास राजस्व और परिवहन मंत्रालय था।

तीसरे मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी के कुछ नेताओं को भी मंत्री बनने की उम्मीद थी। लेकिन संगठन की तरफ से उनके नाम पर सहमति नहीं बन पायी। इनमें संजय पाठक, अजय विश्नोई, जालम सिंह पटेल, सीतासरण शर्मा, रामपाल सिंह, मालिनी गौड़, रमेश मेंदोला जैसे पुराने नेताओं के नाम भी शामिल थे।

दोनों मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आज मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक को भी शपथ दिलाएंगी। रफीक वर्तमान में उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं और उन्हें वहां से स्थानांतरित कर 31 दिसंबर को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का नया मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है।