Justice Yashwant Varma Cash Case: जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम से जली हुई नकदी मिलने का मामला बीते दिनों जबरदस्त सुर्खियों में रहा था। इस मामले में जांच के लिए तीन न्यायाधीशों का एक पैनल बनाया गया था। यह पैनल लगातार कई लोगों से पूछताछ कर रहा है। पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा और नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश कुमार महला के भी बयान दर्ज किए हैं।
याद दिलाना होगा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से जले हुए नोटों की बोरियां मिलने के बाद जोरदार विवाद पैदा हो गया था। बढ़ते विवाद के बीच केंद्र सरकार ने जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया था। लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर का कड़ा विरोध किया गया था।
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बार एसोसिएशन ने किया था जोरदार विरोध
इलाहाबाद हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन ने कहा था कि यह भारत की न्यायपालिका का सबसे काला दिन है जब भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे एक जज को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया है। जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर किए जाने के विरोध में बार एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी हालांकि बाद में सीजेआई संजीव खन्ना के आश्वासन के बाद उन्होंने हड़ताल स्थगित कर दी थी।
जस्टिस वर्मा के आवास पर 14 मार्च को आग लगने की घटना हुई थी। पैनल के निर्देश पर ही डीसीपी महला ने आग लगने के बाद उस स्टोर रूम को सील कर दिया था, जहां से नकदी मिली थी। जस्टिस यशवंत वर्मा उस समय अपनी पत्नी के साथ बाहर गए हुए थे, जब स्टोर रूम में आग लगी थी।
जस्टिस वर्मा ने ली शपथ
इस बीच, जस्टिस यशवंत वर्मा ने शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज के रूप में शपथ ले ली। हालांकि जस्टिस वर्मा को तब तक कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपा जाएगा, जब तक उनके खिलाफ चल रही इन हाउस इंक्वारी पूरी नहीं हो जाती। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस वर्मा वरिष्ठता के मामले में छठे स्थान पर हैं। जस्टिस वर्मा को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के बजाए बल्कि एक प्राइवेट चैंबर में शपथ दिलाई गई।
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कई लोगों के बयान दर्ज
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजीव अरोड़ा पैनल के सामने शुक्रवार शाम करीब 5:30 बजे तक पेश हुए और करीब 7:30 बजे बाहर आए। इससे पहले पैनल ने नई दिल्ली जिले के डीसीपी महला का भी बयान दर्ज किया था। पैनल की ओर से नई दिल्ली जिले के एडिशनल डीसीपी और एसीपी चाणक्यपुरी का बयान भी दर्ज किया गया है। पैनल ने इसके अलावा इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों, दिल्ली फायर सर्विस के चीफ अतुल गर्ग, तीन फायर फाइटर्स और जस्टिस वर्मा के तीन सुरक्षा कर्मियों के बयान भी दर्ज किए हैं।
देखना होगा कि इस मामले में पैनल कब तक अपनी जांच पूरी करता है और जांच का क्या नतीजा निकलता है?