मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार की बेंच मामले की सुनवाई शुरू ही करने वाली थी कि अचानक जस्टिस बीआर गवई ने अपने पिता और भाई के कांग्रेस से कनेक्शन का जिक्र कर सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी से एक सवाल किया। उन्होंने पूछा कि डॉक्टर सिंघवी आप तकरीबन 40 साल से कांग्रेस में हैं। मुझे मेरे एक सवाल का जवाब दीजिए।
जस्टिस गवई का कहना था कि उनके पिता कांग्रेस से संबद्ध रहे थे। हालांकि वो कभी पार्टी सदस्य नहीं रहे पर कांग्रेस से उनका गहरा जुड़ाव था। जस्टिस ने ये भी बताया कि उनका भाई कांग्रेस का सक्रिय पदाधिकारी है। फिर उन्होंने सिंघवी से पूछा कि क्या उन्हें राहुल गांधी के मामले की सुनवाई करनी चाहिए? उनकी बात सुन सिंघवी के साथ दूसरे पक्ष के वकील भी कायल हो गए। दोनों ने कहा कि आप सुनवाई करें, हमें कोई आपत्ति नहीं है।
सिंघवी के साथ दूसरे पक्ष के वकील ने कहा- आप ही करें सुनवाई
हालांकि जस्टिस गवई ने दोनों पक्षों के वकीलों से कहा कि अगर उनको कोई आपत्ति है तो वो इस मामले की सुनवाई से अलग होने को तैयार हैं। उनकी बात सुन सिंघवी के साथ मौजूद दूसरे पक्ष के वकील ने कहा- हमें आपकी काबिलियत पर पूरा भरोसा है। आप ही केस की सुनवाई करें। उसके बाद जस्टिस प्रशांत कुमार ने मामले की सुनवाई के लिए चार अगस्त की तारीख तय की। राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्णेश मोदी के साथ गुजरात सरकार को नोटिस भी जारी किया। दोनों से कहा गया है कि चार अगस्त से पहले वो अपना जवाब दाखिल करें।
गुजरात हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं राहुल
राहुल गांधी को गुजरात की एक कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। उसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी। राहुल ने सजा को सेशन कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन रिट खारिज हो गई। उसके बाद उनकी अपील गुजरात हाईकोर्ट से भी खारिज कर दी गई। फिलहाल राहुल सजा को रद करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने अपील की है गुजरात की लोअर कोर्ट के आदेश को रद कर उनको राहत दी जाए।