रिटायर्ड जस्टिस सुनील गौर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ट्रिब्यूनल (Appellate Tribunal for Prevention of Money Laundering Act) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने हाल ही में आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले के मुख्यारोपी, पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी.चिदंबरम की गिरफ्तारी का रास्ता साफ करने से जुड़ा आदेश पारित किया था, जिसके ठीक दो दिनों बाद ही वह रिटायर हुए।
‘द प्रिंट’ को ट्रिब्यूनल में शीर्ष सूत्र ने बताया, “पूर्व दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस 23 सितंबर को प्रभार संभालेंगे, जिसके एक दिन पहले मौजूदा ATPMLA चेयरपर्सन जस्टिस मनमोहन सिंह सेवानिवृत्त होंगे।”
दिल्ली हाईकोर्ट से रिटायर होने के दो दिन पहले गौर ने 20 अगस्त को हालिया आदेश में ने चिदंबरम की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने से अंतरिम सुरक्षा की मांग की थी।
62 वर्षीय जज ने कांग्रेसी नेता को मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में ‘किंगपिन’ करार दिया था। इससे पहले, गौर ने नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस चीफ सोनिया और राहुल गांधी समेत पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आदेश पास किया था।
यही नहीं, उन्होंने 2018 में एक मामले में फैसला सुनाते हुए नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक Associated Journals Ltd से कहा था कि वह राजधानी नई दिल्ली में आईटीओ स्थित दफ्तर खाली कर दे। बाद में उनके उस फैसले को हाईकोर्ट की एक डिविजन बेंच ने सही भी ठहराया था, पर इसी साल अप्रैल में उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। सर्वोच्च अदालत में फिलहाल वह मामला पेंडिंग है।
और करीब से जानिए Justice Sunil Gaur को: गौर दिल्ली हाईकोर्ट में 2008 से थे, जबकि अप्रैल 2012 में उन्हें परमानेंट जज का पद मिला। तीन दशक से अधिक के अपने कानूनी करिअर में उन्होंने कई हाई प्रोफाइल केस भी संभाले। भ्रष्टाचार संबंधी मामले निपटाने में उन्हें माहिर माना जाता है, जिसमें विवादित मीट कारोबारी मोइन कुरेशी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी शामिल है।
हाईकोर्ट के अपने कार्यकाल के अलावा गौर Delhi Higher Judicial Service में कई सिविल और क्रिमिनल केस भी संभाल चुके हैं, जिसमें सनसनीखेज शिवानी भटनागर मर्डर ट्रायल भी शामिल है। वह इसके अलावा तीज हजार कोर्ट स्थित Delhi Mediation Centre और दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में जज-इन-चार्ज भी रहे हैं।