मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से चल रहा आंदोलन पर सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर सर्वेक्षण और राय देने के लिए गठित शुक्रे आयोग ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को दे दी है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, ”… शुक्रे साहब (Shukre Sahab) के मार्गदर्शन में मगसवर्गीय समिति (Magasvargiya Committee) द्वारा किया गया सर्वेक्षण संदर्भ की शर्तों के अनुसार है। मैं उन्हें युद्ध स्तर पर काम करने के लिए बधाई देना चाहता हूं। सर्वेक्षण में निगम पार्षद, कलेक्टर और डिविजनल कमिश्नर समेत लगभग 3.5 – 4 लाख लोग शामिल थे।”
सरकार ने कहा- कानून की शर्तों के मुताबिक फैसला होगा
मुख्यमंत्री ने कहा, “पिछड़ा आयोग ने कई अन्य संगठनों की भी सहायता ली। सर्वे करीब 2-2.5 करोड़ लोगों पर किया गया है… इस प्रक्रिया में ओबीसी समुदाय पीछे न रह जाए, इसका ध्यान रखते हुए सरकार कैबिनेट कमेटी के सामने रिपोर्ट पेश करेगी। 20 फरवरी को हमने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है जिसके बाद कानून की शर्तों के मुताबिक मराठा आरक्षण दिया जाएगा… ।”
मराठा आरक्षण आंदोलनकारी मनोज जरांगे की भूख हड़ताल जारी
उधर, भूख हड़ताल पर बैठे मराठा आरक्षण आंदोलनकारी मनोज जरांगे के हेल्थ चेकअप के लिए बंबई हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि जब राज्य सरकार शांतिपूर्ण आंदोलन करने के लिए माहौल उपलब्ध करा रही है तब कार्यकर्ताओं को भी कुछ सहयोग करना चाहिए। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार और प्रत्येक हितधारक की चिंता है कि हालत बिगड़नी नहीं चाहिए। पीठ नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे द्वारा घोषित भूख हड़ताल के बीच राज्य भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ गुणरतन सदावर्ते की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
पिछले महीने राज्य सरकार के आश्वासन के बाद जरांगे ने मुंबई तक अपने विरोध मार्च को रोक दिया था। हालांकि वह अपनी इस मांग को लेकर 10 फरवरी से भूख हड़ताल पर बैठ गए कि राज्य के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए पिछले महीने जारी मसौदा अधिसूचना की तर्ज पर कानून लागू किया जाए।
जरांगे की ओर से अधिवक्ता रमेश दुबे-पाटिल ने कहा कि जरांगे को दो बोतल सलाइन चढ़ाई गई है और उनकी खुद की डॉक्टरों की टीम उनकी सेहत पर नजर रख रही है।