Suprme Court News: मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस संजीव खन्ना भारत के अगले सीजेआई होंगे। वह 11 नवंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर शपथ लेंगे। हालांकि, सीजेआई बनने से पहले ही खन्ना ने मॉर्निंग वॉक छोड़ दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस खन्ना हर सुबह लोधी गार्डन इलाके और अपने घर के आस-पास कई किलोमीटर तक अकेले टहलते थे।
पिछले महीने के आखिर में अगले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनकी नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद में उनको सुरक्षाकर्मियों के साथ सुबह की सैर पर जाने की सलाह दी गई है। जस्टिस खन्ना ने ऐसा करने से साफतौर पर इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें इस तरह की आदत नहीं है। वह अकेले ही घूमना पसंद करते हैं। उन्होंने सुरक्षा प्रोटोकॉल को देखते हुए सुबह की सैर को पूरी तरह छोड़ने का फैसला किया।
सीजेआई चंद्रचूड़ को लेकर क्या-क्या बोले संजीव खन्ना
8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का लास्ट वर्किंग डे था। CJI चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी। वहीं, शाम को विदाई समारोह रखा गया। इसमें जस्टिस संजीव खन्ना भावुक हो गए और सीजेआई चंद्रचूड़ की तारीफ भी की।
‘अनजाने में पहुंची ठेस के लिए माफी’, CJI डीवाई चंद्रचूड़ आखिरी दिन कोर्ट रूम में क्या-क्या बोले?
उन्होंने कहा, ‘जब न्याय के जंगल में एक विशाल पेड़ पीछे हटता है, तो पक्षी अपने गीत बंद कर देते हैं और हवा अलग तरह से चलती है। लेकिन जंगल फिर कभी वैसा नहीं होगा जैसा पहले था। उन्होंने कहा, “सोमवार से हम इस बदलाव को गहराई से महसूस करेंगे, इस न्यायालय के बलुआ पत्थर के स्तंभों में एक खालीपन गूंजेगा, बार और बेंच के सदस्यों के दिलों में एक शांत गूंज होगी।”
जस्टिस संजीव खन्ना कौन हैं?
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस देव राज खन्ना के घर हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड से पूरी की। उन्होंने 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और बाद में डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। जस्टिस संजीव खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के तौर पर नॉमिनेशन कराया। उन्होंने दिल्ली के तीस हजारी में बाद में दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। जस्टिस खन्ना कथित तौर पर उन कुछ जजों में से हैं जो किसी भी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत हो गए थे।