कर्नाटक हाईकोर्ट ने फेसबुक को मौखिक रूप से चेतावनी दी है कि अगर कंपनी फर्जी प्रोफाइल की जांच में पुलिस का सहयोग नहीं करती है तो अदालत भारत में उसके संचालन को बंद करने का आदेश दे सकती है। जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित ने बुधवार को ये चेतावनी तब दी जब पुलिस ने उनसे कहा कि फेसबुक सऊदी की जेल में बंद भारतीय नागरिक के मामले की जांच में उनका सहयोग नहीं कर रही है।
सऊदी की जेल में बंद हैं मंगलुरु के रहने वाले शैलेश
मंगलुरु के रहने वाले शैलेश कुमार सऊदी अरब के शासक और इस्लाम के खिलाफ एक अपमानजनक फेसबुक पोस्ट को लेकर वहां की जेल में हैं। उनकी पत्नी कविता ने कर्नाटक पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि यह फर्जी प्रोफाइल उनके पति के नाम पर है। इस पर अपमानजनक संदेश पोस्ट किया गया था। फर्जी प्रोफाइल की जांच में पुलिस के नाकाम रहने पर कविता ने हाईकोर्ट का रुख किया।
पुलिस आयुक्त बोले- फेसबुक सहयोग नहीं कर रही है तो भड़के जस्टिस
जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित ने इससे पहले 12 जून को आदेश दिया था कि पुलिस आयुक्त मंगलोर अदालत के समक्ष पेश हो। वह जवाब दें कि मामले की जांच करने में इतनी देर क्यों हुई। पुलिस आयुक्त कुलदीप कुमार जैन ने कोर्ट को बताया कि जांच में देर हुई, क्योंकि फेसबुक ने उनके साथ सहयोग नहीं किया। अदालत ने जब फेसबुक के वकील से सवाल किया तब उन्होंने कहा कि उन्हें घटना के सटीक स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस पर कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर जांच में सहयोग नहीं किया तो फेसबुक के संचालन को बंद करने का आदेश देना पड़ेगा। जस्टिस ने सुनवाई 22 जून तक के लिए टालते हुए फेसबुक को घटना पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
शैलेश के नाम से बने फर्जी फेसबुक अकाउंट से की गई थी सऊदी के शासक की आलोचना
कविता की शिकायत में कहा गया है कि शैलेश पिछले 25 वर्षों से सऊदी अरब में काम कर रहे थे। उन्होंने CAA और NRC के समर्थन में एक पोस्ट किया था। उन्हें इस पोस्ट को लेकर धमकी भरा कॉल आया, जिसके बाद उन्होंने अपना अकाउंट हटा दिया। शिकायत में कहा गया है कि इसके बाद, कुछ बदमाशों ने उनके नाम पर एक फर्जी अकाउंट बनाया और सऊदी के शासक व इस्लाम के खिलाफ एक आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड कर दिया। इस पोस्ट के बाद शैलेश को सऊदी अरब में गिरफ्तार कर लिया गया। फिर उनको 15 साल की सजा सुनाई गई।
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया कि वह इस मामले में सऊदी की जेल में कैद भारतीय नागरिक की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों का विवरण दे। अदालत ने केंद्र को चेतावनी दी कि यदि मांगे गये विवरण नहीं दिये जाते हैं तो विदेश सचिव को तलब भी किया जा सकता है।