सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में पूछा है कि कश्मीरी उग्रवादियों के पास आधुनिक हथियार कहां से आते हैं? क्या वो आसमान से बरसते हैं? इससे पहले शुक्रवार को जस्टिस काटजू ने एक अन्य पोस्ट में कहा था कि जो लोग सोचते हैं कि कश्मीर समस्या का राजनीतिक समाधान संभव है वो भ्रम में हैं। जस्टिज काटजू मानते हैं कि कश्मीर समस्या के पीछे चीन का हाथ है। जस्टिस काटजू ने शुक्रवार को भी कश्मीर मसले पर एक लंबी पोस्ट लिखकर अपनी राय रखी थी।

जस्टिस काटजू ने अपनी पोस्ट में लिखा है, “जो लोग सोचते हैं कि कश्मीर समस्या का हल राजनीतिक बातचीत से संभव है वो मूर्खों की जन्नत में जी रहे हैं। उन्हें जमीनी हकीकत नहीं पता है।” जस्टिस काटजू ने आगे लिखा है, “कश्मीरी उग्रवादी अत्याधुनिक हथियारों और सामग्री का प्रयोग करते हैं। ये अत्याधुनिक हथियार और सामग्री कहां से आती है? ऐसे अत्याधुनिक हथियार आसमान से नहीं टपकते। जाहिर है कुछ बाहरी ताकतें इनकी आपूर्ति करती हैं और उग्रवादियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देती हैं।”

जस्टिस काटजू ने अपनी पोस्ट में कहा है कि कश्मीर में आजादी की मांग करने वाले बुरहान वानी और अजमल कसाब जैसे ब्रेनवाश्ड प्यादे हैं। प्यादों का इस्तेमाल शतरंज के खिलाड़ी अपने खेल के लिए करते हैं। इन प्यादों के पीछे असली खिलाड़ी चीन है जो (पाकिस्तान के माध्यम से) इनका इस्तेमाल कर रहा है। जस्टिस काटजू ने अपनी पोस्ट में पिछले महीने लिखे अपने एक ब्लॉग का लिंक दिया है। ब्लॉग ने जस्टिस काटजू ने लिखा था, “पाकिस्तान पहले अमरेका के साथ था लेकिन जब नरेंद्र मोदी भारत को अमेरिकी कैम्प में दृढ़ता से ले गए तब पाकिस्तान नया प्रायोजक तलाशने लगा। सोवियत गणराज्य की विघटन के बाद दुनिया में एक मात्र दूसरी विश्व शक्ति चीन बचा है, और इसलिए पाकिस्तान उसके साथ जा रहा है।” जस्टिस काटजू में अपने ब्लॉग में विश्व की वर्तमान दो महाशक्तियों में चीन को विश्व शांति के लिए ज्यादा बड़ा खतरा बताया था।

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जस्टिज काटजू के अनुसार कश्मीर समस्या सुलझने में अभी 10-15 साल लगेंगे और चाहे ये कितना भी दुखदायी हो तब तक उपद्रव, गड़बड़ी और हिंसा जारी रहेंगे। जस्टिज काटजू मानते हैं कि आजादी की मांग कश्मीरियों के हित में नहीं है। जस्टिज काटजू के अनुसार, “…इससे कश्मीर में इस्लामी कट्टपंथ थोप दिया जाएगा और इससे कश्मीर मध्यकालीन अंधकार युग मे चला जाएगा।” जस्टिज काटजू के अनुसार अगर कश्मीर को आजादी मिल भी गई तो वो ज्यादा दिन नहीं रहेगी। पाकिस्तान उसे जल्द ही निगल जाएगा और वो पाकिस्तानी सैन्य शासकों के तलवों तले चला जाएगा।

जस्टिस काटजू मानते हैं कि कश्मीरियों को भारत और पाकिस्तान (और बांग्लादेश) के एकीकरण की मांग करनी चाहिए, जिसे आधुनिक धर्मनिरपेक्ष मजबूत राज्य की स्थापना हो सके जहां हिन्दू या मुस्लिम सभी को धार्मिक आजादी हो। जस्टिस काटजू के पूर्वज कश्मीरी थे। उन्होंने हाल ही में एक पोस्ट में बताया था कि वो कश्मीरी ब्राह्मण हैं लेकिन जाति व्यवस्था के विरोधी हैं।