रिजर्व बैंक की तरफ से चलन से बाहर किए गए 2 हजार के नोटों की बगैर आईडी के तब्दीली के खिलाफ एडवोकेट आज सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच के पास पहुंच गए। इससे पहले वो एक दूसरी वेकेशन बेंच के पास अपने मामले को सुनने की गुहार लगा चुके थे। लेकिन तब जस्टिस ने कहा था कि ये मामला बेहद पेंचीदा है लिहाजा CJI डीवाई चंद्रचूड़ के पास जाकर अपनी बात कहिए। वो ही इस पर कारगर फैसला ले सकते हैं। लेकिन जब उन्होंने दूसरी बेंच से अपने मामले की सुनवाई की अपील की तो जस्टिस ने एडवोकेट अश्वनी उपाध्याय की ओपन कोर्ट में क्लास लगा दी।

जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने ओपन कोर्ट में लगा दी एडवोकेट की क्लास

जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने उपाध्याय से पूछा कि आपने पहले भी ये याचिका वेकेशन बेंच के सामने लगाई थी क्या? एडवोकेट ने हां में जवाब दिया तो जस्टिस ने पूछा कि आपसे कहा गया था कि छुट्टियों के बाद कोर्ट खुले तब आप ये केस लेकर आइएगा। आप ऐसे दूसरी बेंच के सामने रिट दायर नहीं कर सकते हैं। जस्टिस के सवाल से उपाध्याय सकते में आ गए। फिर उन्होंने कहा कि पहले की य़ाचिका में कुछ कमियां थीं। उन्हें सुधार कर फिर से आपके सामने पेश किया गया है। फिर वो बोले कि बगैर आईडी प्रूफ के 2 हजार के नोट तब्दील हो रहे हैं। अपराधी इसका फायदा उठा रहे हैं। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने याचिका को तत्काल लिस्ट करने के मुद्दे पर अपनी रजिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी।

दोबारा रिट लगाने के लिए जस्टिस ने लगाई क्लास तो उपाध्याय बोले- मामला बेहद अहम

उपाध्याय ने बुधवार को कहा कि यह मुद्दा बेहद अहम है, क्योंकि माओवादी, आतंकवादी और अलगाववादी 2 हजार के नोटों को बदल रहे हैं। मीडिया की खबरों के अनुसार अब तक 80 हजार करोड़ रुपये के नोट बदले जा चुके हैं। बेंच ने कहा कि हम मीडिया की खबरों पर नहीं जा सकते। आप शुक्रवार को इसका उल्लेख करें। इस बीच हम रजिस्ट्री की रिपोर्ट देखेंगे।

19 मई को हुई थी 2 हजार के नोटों को वापस लेने की घोषणा

रिजर्व बैंक ने गत 19 मई को 2 हजार के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को 30 सितंबर तक बैंक खाते में जमा किया जा सकता है या बदला जा सकता है। उपाध्याय ने सबसे पहले अपनी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की थी। वहां से रिट खारिज हो गई तो वो सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के पास पहुंच गए। जस्टिस धूलिया ने उनको सलाह दी कि मामला गंभीर है लिहाजा छुट्टी के बाद CJI आएं तो आप उनसे अपनी बात कहें।