आप सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना आदेश बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया। याचिका में सरकारी बंगले को लेकर निचली अदालत के एक फैसले को चुनौती दी गई है। अदालत ने राज्यसभा सचिवालय से मौखिक रूप से कहा कि जब तक फैसला ना आएतब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वो कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं कर रही। लेकिन जब तक वो इस मामले में फैसला नहीं कर लेती, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाए।
राघव चड्ढा को पिछले साल पंडारा पार्क में टाइप 6 बंगला अलाट किया गया था। उन्होंने राज्यसभा सभापति से टाइप 7 बंगला देने का अनुरोध किया था। इसके बाद उन्हें पंडारा रोड पर एक अन्य बंगला आवंटित कर दिया गया। लेकिन इस साल मार्च में आवंटन रद्द कर दिया गया। अप्रैल 2022 में राज्यसभा सदस्यों के लिए जारी आदेश के अनुसार पहली बार के सांसद होने के नाते चड्ढा को टाइप-5 बंगला मिल सकता है। सचिवालय का कहना है कि केंद्रीय मंत्री रह चुके सांसदों, पूर्व राज्यपालों, पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व लोकसभा अध्यक्षों को टाइप-7 बंगले मिल सकते हैं।
आप सांसद ने निचली अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है। निचली अदालत ने आदेश में कहा था कि चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें आवंटन रद्द होने के बाद भी सरकारी बंगला रखने का अधिकार है। निचली अदालत ने 18 अप्रैल को पारित एक अंतरिम आदेश को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की थी। पहले के आदेश में राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा से सरकारी बंगला खाली नहीं कराने का निर्देश दिया गया था। निचली अदालत ने कहा था कि अंतरिम राहत बगैर सुनवाई के दी गई थी। राघव चड्ढा पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं। हाल ही में उनकी शादी हुई थी। राघव ने सिने कलाकार परिणिती चोपड़े के साथ सात फेरे लिए थे। उनकी दलील है कि शादी के समय से ही उनको परेशान किया जा रहा है।