देश में मोबाइल और मोबाइल ऐप के प्रचार-प्रसार से बहुत लोग हर वक्त केवल मोबाइल पर ही चिपके रहते हैं। उनको देश-दुनिया का काफी ज्ञान वॉट्सऐप और दूसरे ऐप से ही मिलता रहता है। आजकल करीब-करीब सभी लोग अपने संदेशों को भेजने और चैटिंग करने के लिए वॉट्सऐप को अपने मोबाइल में जरूर डाउनलोड किए रहते हैं। इसकी वजह से वे दिनभर कुछ न कुछ बातें सुनते और बताते रहते हैं। इससे मिली जानकारी को बहुत लोग ‘वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी’ कहकर मजाक भी करते हैं।
बुधवार को पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करने आए थे। इसी दौरान न्यूज-24 के रिपोर्टर ने स्थानीय एक युवक से सरकार की लोकप्रियता को लेकर सवाल किया तो उसने कहा कि “मैं बहुत खुश हूं। इस सरकार ने हमारे देश को डूबने से बचा लिया। आज हमारी यह मोदी सरकार नहीं होती तो चाइना हमारे देश को ले लिया होता।”
उसने कहा कि “हमें वॉट्सऐप से बहुत ज्ञान मिलता है। मैं वॉट्सऐप पर सब देखता हूं, यही सब देखता हूं।” कहा कि हमने यूट्यूब और वॉट्सऐप से देखकर काफी ज्ञान प्राप्त किया है। उसने बताया कि कुशीनगर से ही उसने बीकॉम तक की पढ़ाई की है और पूरी जिंदगी में जो ज्ञान कहीं नहीं मिला वह इस वॉट्सऐप से मिल रहा है।
कहा कि हमने स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि इतना ज्ञान मिलेगा। बताया कि हालांकि सभी खबरें सही नहीं होती हैं, लेकिन अनुभव से पता चलता है अधिकतर खबरें एकदम सही हैं।
भारत में मोबाइल का यूज करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसके साथ ही मोबाइलमेनिया होने के खतरे भी बढ़ रहे हैं। देश में करोड़ों लोग खासकर युवा ऐसे हैं, जो मोबाइल के बिना कुछ मिनट भी नहीं रह सकते हैं। इसकी वजह से मोबाइल उनके लिए जिंदगी का हिस्सा बन गया है। चीन के बाद सबसे ज्यादा मोबाइल यूजर भी भारत में हैं।
दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 31 अगस्त 2021 को देश में कुल 120.95 करोड़ टेलीफोन सब्सक्राइबर थे। इनमें 118.67 करोड़ मोबाइल कनेक्शन (Mobile Connection) हैं, जबकि 2.29 करोड़ लैंडलाइन कनेक्शन (Landline Connection)। अगस्त महीने में मोबाइल सब्सक्राइबर 11 लाख कम हो गए, जबकि लैंडलाइन सब्सक्राइबर की संख्या 25 लाख बढ़ गई।
खास बात यह है कि अधिकतर लोगों के पास स्मार्ट फोन मौजूद है। कई लोग तो अब दो या तीन मोबाइल साथ रखते हैं। कोरोना महामारी के दौरान इसका प्रयोग और अधिक बढ़ गया है। अब तो प्राथमिक कक्षा से ही बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में मोबाइल अब जरूरी आयटम बन गया है।