Bharat Jodo Yatra: वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष (Senior Journalist Ashutosh) ने भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) को लेकर एक टीवी डिबेट शो (TV Debate Show) में कांग्रेस (Congress) के प्रति अपनी राय रखी है। आशुतोष (Ashutosh) ने कहा कि कांग्रेस (Congress) की भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस को सफलता की ओर ले जा रही है लेकिन अभी कांग्रेस जिस स्थिति में है उससे उबरने में उसे 10 साल का समय लगेगा। आशुतोष ने कहा कि बीते 8 सालों में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आरएसएस (RSS) को चिंतित होना चाहिए। बीते 8 सालों के दौरान अभी तक जो कुछ भी हुआ वो बीजेपी और आरएसएस के लिए चिंता की बात नहीं है।
हर Politics Party का एक Spiritual Core होता है: Ashutosh
आशुतोष ने बताया कि हर राजनीतिक दल का एक स्प्रीचुअल कोर होता है। जब राजनीतिक दल उस स्प्रीचुअल कोर को छोड़ देता है तो उसके बाद उसके लिए उठ खड़े होना एक मुश्किल काम होता है। वो चाहे समाजवादी पार्टी हो, चाहे बहुजन समाज पार्टी हो,जेपी का हो लोहिया का हो या आरएसएस का हो सबका एक स्प्रीचुअल कोर होता है और जब वो उससे हटता है तो फिर उसका राजनीतिक पराभाव शुरू हो जाता है।
Congress को उबरने में 10 साल का समय लग सकता है
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अपने उस स्प्रीचुअल को खोजने की कोशिश है। ये खोज भी कोई एक यात्रा से नहीं होने वाली है। इस यात्रा से कांग्रेस की ये शुरुआत है, इसमें 10 साल भी लग सकते हैं और 20 साल भी लग सकते हैं। साल 1925 में आरएसएस बनी थी अपनी उस कोर वैल्यू को लेकर न जाने कितनी जंग हारी है और न जाने कितनी बार अंधकार में जाना पड़ा है इनको और न जाने कितनी बार निराशा के गहन क्षणों में उम्मीद तोड़ी होगी उन्होंने, लेकिन लगातार अपने कोर को पकड़कर रखने का नतीजा है कि वो साल 2014 से अपने दम पर सत्ता में बने हैं।
एक बड़े Educated वर्ग में Congress की एक्सेबिलिटी खत्म होई
आशुतोष ने आगे कहा कि इस यात्रा को लेकर अगर हम ये कहें कि अचानक से कांग्रेस पार्टी का उद्भव हो जाएगा या हम कहें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी के सामने खड़ी हो जाएगी, कांग्रेस पार्टी 350 सीटें लेकर आ जाएगी या फिर कांग्रेस पूरे देश में एक बार फिर मजबूती से खड़ी हो जाएगी तो ऐसा नहीं होने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की ये दिक्कत नहीं थी कि वो बीजेपी-आरएसएस के सामने खड़ी नहीं हो पा रही थी बल्कि कांग्रेस के साथ ये दिक्कत थी कि पूरे देश के एक एलीट और एजुकेटेड क्लास में उसकी एक्सेबिलिटी खत्म हो गई।