भारत में कोरोनावायरस से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसके बावजूद एक दिन पहले ही यूपी के अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन कार्यक्रम रखा गया था। गौरतलब है कि यूपी में कोरोना के केस 1 लाख के पार पहुंच गए हैं। इसके बावजूद मंदिर के निर्माण कार्य के लिए उद्घाटन कार्यक्रम रखने पर विवाद पैदा हो गया। कई लोगों ने पीएम मोदी के कार्यक्रम में आने का भी विरोध किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार को लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की याद दिलाई। इन्हीं में एक नाम पत्रकार और फिल्ममेकर विनोद कापड़ी का है। हालांकि, इस मुद्दे पर कापड़ी को लोगों ने ट्विटर पर ही घेर लिया और उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
दरअसल, कापड़ी ने लिखा, “लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष देश ? भूल जाइए।” इसके अलावा उन्होंने ट्विटर पर कई लेख शेयर कर भी कार्यक्रम का विरोध किया था। एक ट्वीट में तो कापड़ी ने यहां तक लिख दिया कि जब बैलगाड़ियां चलती थीं, अंधविश्वास -अशिक्षा थी, तब एक प्रधानमंत्री ने तमाम मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से कहा था कि मंदिर उद्घाटन जैसे कार्यक्रमों से सरकार दूर रहे। आज जब अंतरिक्ष है, कम्प्यूटर है, 4G है, तब प्रधानमंत्री समेत पूरी सरकार और तमाम मुख्यमंत्री मंदिरमय हैं।
इस पर सोशल मीडिया पर लोगों ने कापड़ी को आड़े हाथों लिया। ट्विटर पर अरविंद ठाकुर नाम के एक यूजर ने लिखा, “भूल ही जाओ तो अच्छा है, भारत हिंदू राष्ट्र है।” वहीं दिवेश पोखरियाल नाम के यूजर ने कहा, “आसुरी प्रकार के लोग किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में वर्जित होते है और यह मंदिर निर्माण है कोई पार्क या स्मारक नहीं जो सभी धर्मो का सम्भाव दिखाया जाए, Court से मिली है ज़मीन हमे और सभी के दिलो का ठेका हमने नहीं ले रखा! जय श्री राम।”
भूल ही जाओ तो अच्छा है,,,
भारत हिंदु राष्ट्र है।।— Arvind Thakur (@arvindsthakur) August 5, 2020
कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ही विनोद कापड़ी को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के बारे में बताना शुरू कर दिया। @iDinesh_Chawla नाम के यूजर ने लिखा, “राममंदिर-निर्माण कार्य सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आरंभ हुआ, इसे ही लोकतंत्र कहते हैं। भूमि-पूजन कार्यक्रम का पहला न्योता उस इकबाल अंसारी को दिया गया जिसकी पीढ़ियां राम-मंदिर के खिलाफ बाबरी मस्जिद की तरफ से पक्षकार रही, इसी को धर्मनिरपेक्षता कहते हैं। बाकी आप जहर उगलते रहें।” नेहा सिंह ने लिखा, “राम मंदिर का निर्माण कार्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किया जा रहा है। आप सुप्रीम कोर्ट से असहमत हो सकते हैं, लेकिन ऐसी भी क्या असहिष्णुता कि आपकी धर्मनिरपेक्षता राम मंदिर के निर्माण से खतरे में आ जाएगी।”
Construction of Ram Mandir is being done after Supreme court’s verdict . You may disagree with the Supreme court but how intolerant of you that your secularism comes under threat with the construction of Ram Mandir !!!!!
— Neha Singh (@Neha68326953) August 6, 2020