भारत में अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (जेएंडजे) की सिंगल डोज कोरोनावायरस वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्विटर के जरिए इसका ऐलान किया। बता दें कि J&J ने शुक्रवार को ही भारत में आपात मंजूरी के लिए आवेदन किया था। इसी के साथ देश में अब कोरोना की पांच वैक्सीनों को इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है। 

जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन के उत्पादन के लिए बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ गठजोड़ करेगी। साथ ही यहां से होने वाले उत्पादन का भारत के लोगों और बाकी दुनिया को कोविड-19 वैक्सीन की एकल-खुराक का विकल्प मिलेगा। इसी के साथ भारत को शनिवार को एक और खुशखबरी मिली। बताया गया है कि अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। माना जा रहा है कि भारत जे एंड जे की तरह की नोवावैक्स को जल्द मंजूरी दे सकता है।

अमेरिकी कंपनी की इस वैक्सीन को ट्रायल्स में 66% प्रभावी पाया गया था। ये एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। यानी  इसमें डेड वायरस का ही इस्तेमाल किया जाता है। एक तरह से यह वैक्सीन कोवीशील्ड जैसी ही है। इसमें सेल तक एंटीजन को पहुंचाने में कमजोर वायरस का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे मरीज संक्रमित नहीं होता। खास बात यह है कि इस वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी अप्रूव कर चुका है और फिलहाल 59 देशों में इसे इस्तेमाल किया जा रहा है।

भारत में अब तक 50 लाख लोगों को लगी वैक्सीन: गौरतलब है कि शुक्रवार तक देश भर में 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए लिखा, “कोरोना से लड़ाई में भारत ने प्राप्त की ऐतिहासिक उपलब्धि, देश ने टीकाकरण में 50 करोड़ के आंकड़े को पार किया। सभी को बधाई एवं स्वास्थ्यकर्मियों का धन्यवाद।”

भारत में किन वैक्सीन को मंजूरी?: भारत में फिलहाल कोरोना के तीन टीके उपलब्ध हैं। इनमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनका की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पूतनिक-V शामिल हैं। मंडाविया ने अपने ट्वीट में बताया है कि भारत में अब EUA की पांच वैक्सीन को मंजूरी मिली है। इनमें एक वैक्सीन अमेरिका की मॉडर्ना भी है, जिसकी डिलीवरी की तारीख अभी तय नहीं है।