अमेरिका ने भारत से पाकिस्तान के संग मामला न बढ़ाने के लिए कहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने “पिछले दो दिनों में” भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से “दो बार”  बातचीत की थी। सूत्रों के अनुसार उरी में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों ने पहली बार उच्च स्तर पर बात की है। सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र की सालाना आम सभा में शामिल होने न्यूयॉर्क गई थीं। सोमवार (26 सितंबर) को संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में सुषमा ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए निशाना साधा। उरी हमले में 18 भारतीय जवान मारे गए थे। हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ विभिन्न तरह की कूटनीतिक विकल्पों पर विचार कर रहा है। भारत ने बुधवार (28 सितंबर) को पाकिस्तान में होने वाले दक्षेस सम्मेलन के बहिष्कार की घोषणा की। बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भूटान ने भी भारत का समर्थन करते हुए पाकिस्तान न जाने की बात कही है।

वीडियो देखें- अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सूसन राइस ने अजीत डोभाल से फोन पर बातचीत की

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अमेरिका में समय राष्ट्रपति चुनाव की गहमागहमी है लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रालय भारतीय उपमहाद्वीप में चल रहे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है। सूत्रों के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद केरी ने सुषमा से बातचीत की। पिछले कुछ दिनों में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं। सोमवार को भारत ने सिंधु जल समझौता की समीक्षा की उसके बाद बुधवार को उसने दक्षेस सम्मेलन में पाकिस्तान न जाने का फैसला किया। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन” के दर्जे की समीक्षा करेंगे। अमेरिका भारत के कूटनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक फैसलों पर नजर बनाए हुए। सूत्रों के अनुसार अमेरिकी नेतृत्व ने उरी हमले के बाद भारत के ‘संयमित’ प्रतिक्रिया की प्रशंसा की है।

पिछले हफ्ते पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से केरी की मुलाकात के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा था, “हमने कुछ प्रगति देखी है। हम इस दिशा में और प्रगति चाहते हैं। हमें लगता है कि इस दिशा में कार्य जारी रहेगा और हम पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को प्रोत्साहित करते हैं।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बाद में सूचित किया कि केरी ने अपनी बातचीत में “जोर दिया कि पाकिस्तान को अपनी जमीन पर हर तरह की आतंकवाद को रोकना होगा।” केरी ने पाकिस्तान सुरक्षा बलों द्वारा चरमपंथी हिंसा रोकन के लिए की गई कार्रवाई की तारीफ भी की।

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दक्षेस सम्मेलन में न जाने के भारत के फैसले पर टिप्पणी नहीं की है। इससे जुड़े एक सवाल पर टोनर ने कहा, “मैं आपसे इस सम्मेलन में न जाने के फैसले पर भारत सरकार से पूछने के लिए कहूंगा।” इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय के सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा कि  अमेरिका “भारत और पाकिस्तान को हिंसा के बजाय कूटनीति के जरिए अपने मतभेद सुलझाने को प्रोत्साहित करता रहेगा।”

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