जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर छात्रसंघ चुनावों में लेफ्ट यूनिटी ने जीत दर्ज की है। सेंट्रल पैनल की तीन सीटों–अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर लेफ्ट ने कब्जा जमाया है वहीं महासचिव पद पर बापसा ने जीत दर्ज की है। बिहार के रहने वाले पीएचडी छात्र धनंजय को जेएनयूएसयू का अध्यक्ष चुना गया है। जेएनयू छात्रसंघ का यह चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था।

कौन है अध्यक्ष चुने गए धनंजय?

जेएनयू छात्रसंघ के यह चुनाव 4 बाद हुए हैं। इस चुनाव में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) एनएसयूआई, छात्र राजद, समाजवादी छात्र सभा और बापसा जैसे संगठन हिस्सा ले रहे थे। अध्यक्ष पद पर 8 उम्मीदवार मैदान में थे।

लेफ्ट यूनिटी के उम्मीदवार धनंजय ने एबीवीपी के उमेश चंद्र अजमीरा को 922 वोटों से हराया। उपाध्यक्ष पद के लिए अविजीत घोष (Left) ने दीपिका शर्मा (ABVP) को 927 वोटों से हराया। महासचिव पद के लिए प्रियांशी आर्य (बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन-BAPSA) ने अर्जुन आनंद (ABVP) को 926 वोटों से हराया। जबकि संयुक्त सचिव पद के लिए मोहम्मद साजिद (Left) ने गोविंद डांगी (ABVP) को 508 वोटों से हराया।

स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स से पीएचडी छात्र धनंजय बिहार के गया के रहने वाले हैं। जेएनयू छात्रसंघ में 1996 के बाद (जब बत्ती लाल बैरवा अध्यक्ष चुने गए थे) धनंजय पहले दलित अध्यक्ष हैं। धनंजय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह जीत नफरत और हिंसा की राजनीति के खिलाफ छात्रों का जनमत संग्रह है। उन्होंने कहा, “यह जीत जेएनयू के छात्रों द्वारा एक जनमत संग्रह है कि वे नफरत और हिंसा की राजनीति को खारिज करते हैं। छात्रों ने एक बार फिर हम पर अपना भरोसा दिखाया है। हम उनके अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखेंगे और छात्रों से संबंधित मुद्दों पर काम करेंगे।” जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में महिलाओं की सुरक्षा, फंड में कटौती, छात्रवृत्ति वृद्धि, जल संकट जैसे मुद्दों पर खास चर्चा थी। धनंजय ने कहा कि वह इन मुद्दों पर काम करेंगे।