देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद जेएनयू स्टूडेंट उमर खालिद और अनिर्बान की जमानत याचिका पर फैसला कोर्ट 18 मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। 14 दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने के बाद दोनों छात्रों ने मंगलवार को जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। पटियाला हाउस कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले की सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान देशद्रोह के आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान के वकील ने कोर्ट से कहा कि सरकार की आलोचना करना नागरिक का अधिकार है, ऐसे में यह देशद्रोह नहीं हो सकता है। कार्यक्रम स्थल पर बाहरी लोग भी आए थे। ऐसे में द्रेशद्रोह का नारा लगाने के आरोपियों को चिह्नित करना आसान नहीं। आरोपियों के वकील ने दिल्ली सरकार की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि फॉरेंसिक जांच में वीडियो से छेड़छाड़ की बात सामने आई है। इस पहलू को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
इससे पहले जेएनयू के पास साउथ कैंपस पुलिस स्टेशन में 25 फरवरी को हुई सुनवाई में दोनों की पुलिस हिरासत को जारी रखने का फैसला सुनाया गया था। केस की गोपनियता बनाए रखने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस स्टेशन को कोर्ट रूम में बदल दिया गया था।
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