जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 9 लोगों की पहचान की है और उनसे जवाब मांगा है। पुलिस का कहना है कि विंटर सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन होना था और लेफ्ट संगठन के छात्र इसके विरोध में थे जिसके चलते उन्होंने हिंसा की। इसके इतर इंडिया टुडे के एक स्टिंग में एक पक्ष सामने आया है।
दरअसल इंडिया टुडे ने एक स्टिंग का वीडियो जारी किया है जिसमें बीजेपी के छात्र विंग एबीवीपी से जुड़े एक जेएनयू के छात्र अक्षत अवस्थी का कहना है कि वह खुद हिंसा में शामिल था। उसने इस बात का भी खुलासा किया है कि 20 लोग जेएनयू के थे और 20 लोग बाहर से बुलाए गए थे। स्टिंग में अवस्थी खुद कहता है कि उसने झंडे वाला दंडा अपने हाथ में लिया था और उससे उसने कई लोगों को पीटा। उसका कहना है कि उसने एक दाढ़ी वाले शख्स को पीटा। अवस्थी का कहना है कि लेफ्ट के छात्रों को अंदाजा भी नहीं था कि एबीवीपी उनका पलटवार करेंगे।
#JNUTapes | JNU’s 1st year student confesses to leading attacks on Jan 5
Watch LIVE with @rahulkanwal: https://t.co/4fqxBVUizL pic.twitter.com/zABFDyknuj— India Today (@IndiaToday) January 10, 2020
गौरतलब है कि जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रेंस कॉन्फ्रेंस की। दिल्ली पुलिस डीसीपी/क्राइम जॉय टिर्की का कहना है कि काफी संख्या में छात्र विंटर समेस्टर एक्जाम रजिस्ट्रेशन के पक्ष में थे लेकिन SFI, AISF, AISA और DSF इसके खिलाफ थे।दिल्ली पुलिस के मुताबिक चार जनवरी को सर्वर रूम पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया था। 5 जनवरी को सुबह 11.30 बजे मारपीट हुई।पुलिस का कहना है कि नकाबपोश हमलावरों को मालूम था कि किस-किस कमरे में जाना है। छात्रों को चुन चुनकर निशाना बनाया गया।
पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे।प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस ने कहा कि 4 जनवरी को चार छात्र संगठनों के छात्रों ने हमला किया था।पुलिस के अनुसार ये छात्र SFI, AISA, AISF, DSF से संबंधित थे। ये लोग छात्रों के रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे थे। इसके बाद अगले दिन नकाबपोशों ने हमला कर दिया।