जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने 7 अन्य लोगों की पहचान की है। जिन लोगों की पहचान हुई है, वो भी व्हाट्सएप ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट से जुड़े हुए हैं। इससे पहले शनिवार को भी पुलिस ने इस ग्रुप से 37 लोगों की पहचान की थी। इस तरह दिल्ली पुलिस अभी तक कुल 44 लोगों की पहचान कर चुकी है। वहीं इंडिया टुडे के स्टिंग ऑपरेशन में खुद को जेएनयू हिंसा में शामिल बताने वाले छात्र अक्षत अवस्थी को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए बुला लिया है। हालांकि अक्षत ने जांच में सहयोग करने से इंकार कर दिया है।

अक्षत अवस्थी जेएनयू में फ्रेंच डिग्री प्रोग्राम में प्रथम वर्ष का छात्र है। स्टिंग ऑपरेशन के दौरान अक्षत ने स्वीकार किया था कि वह एबीवीपी का कार्यकर्ता है और रविवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में हुई हिंसा में भी उसने अपनी भूमिका स्वीकार की थी। इसके अलावा स्टिंग में ही एक अन्य छात्र रोहित शाह ने माना था कि हिंसा में जेएनयू के एबीवीपी के 20 छात्र शामिल थे।

अब खबर आयी है कि पुलिस ने इन दोनों ही छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया है। इसके अलावा पुलिस ने हिंसा मामले में यूनिवर्सिटी के वार्डन, 13 सिक्योरिटी गार्ड्स और पांच छात्रों के भी बयान दर्ज किए हैं।

वहीं जेएनयू हिंसा की जांच के लिए कांग्रेस ने एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस रिपोर्ट में कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिनमें जेएनयू वीसी जगदीश कुमार को उनके पद से हटाने का सुझाव शामिल है।

इसके अलावा एक स्वतंत्र कमेटी से जेएनयू में वीसी के दौरान हुई नियुक्तियां और प्रशासनिक फैसलों की जांच करने को कहा गया है। इसके साथ ही हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर की जवाबदेही तय करने को कहा गया है। वहीं जेएनयू वीसी जगदीश कुमार ने अपने ताजा बयान में कहा है कि “जो भी हुआ सो हुआ। अब हमें बीती बातों को भुला देना चाहिए। हम किसी पर भी ऊंगली उठाने या आरोप लगाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हमारे लिए महत्वपूर्ण ये है कि हम आगे बढ़ें और यूनिवर्सिटी सुचारू रूप से काम करे।”