जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने कहा है कि वह जेएनयू से प्यार करती हैं क्योंकि यह देश का सबसे अच्छा विश्वविद्यालय है। यूनिवर्सिटी को लेकर उनको कुछ चीजें पसंद नहीं हैं। उन्होंने इस बारे में भी बात की। जेएनयू की वीसी ने कहा कि छात्रों को लगता है कि यहां सब कुछ फ्री है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जेएनयू में अन्य विचारधाराओं के लिए ‘नफरत’ की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

शांतिश्री धूलिपुडी पंडित से पूछा गया कि वे कौन सी दो चीजें हैं जो उन्हें जेएनयू के बारे में पसंद नहीं हैं या वह उनको बदलना चाहती हैं? इस पर उन्होंने कहा, “दो चीजें जो मुझे पसंद नहीं हैं, वह है एक भ्रम.. छात्रों को लगता है कि सब कुछ फ्री है। जब वे बाहर जाते हैं, तो उनमें से कुछ मानसिक रूप से प्रभावित हो जाते हैं और वे जेएनयू नहीं छोड़ना चाहते हैं। क्योंकि दुनिया ऐसी नहीं है और हम उन्हें यथार्थवादी नहीं बनाते। हमें लगता है कि सब कुछ जेएनयू जैसा है।”

उन्होंने कहा, “आप कुछ भी पहन सकते हैं, किसी को कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन बाहर की दुनिया ऐसी नहीं है। या आज़ादी के साथ भी, वे सोचते हैं कि आप जो कुछ भी करेंगे, आपके खिलाफ कोई (पुलिस) केस नहीं होगा।”

शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने कहा, “दूसरी बात, यहां घृणा का कोई स्थान हीं होना चाहिए। अपनी विचारधारा रखें, अपना नजरिया रखें लेकिन नफरत न करें। नफरत एक ऐसी चीज है जो इतनी नकारात्मक है, और मुझे लगता है क्योंकि हम टैक्सपेयर्स के पैसे पर हैं और बहुत सारे लोग हैं जो ‘जेएनयू को बंद करो’ लिखते रहते हैं।”

जेएनयू वीसी ने कहा, “मुझे लगता है कि छात्रों को भी यह समझना चाहिए कि यह जीवन का एक फेज है। इसे जियो, इसका आनंद लो, यहां से बाहर जाकर अच्छा करो जैसा हमने अपने समय में किया था। ऐसा कुछ न करें जिससे आपको ही तकलीफ हो।” उन्होंने यह भी कहा कि जेएनयू में सर्वश्रेष्ठ प्रोफेसर हैं जो प्रतिबद्ध हैं।”