जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगने के बाद देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू छात्रसंघ अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार को बुधवार को दिल्‍ली हाई कोर्ट ने छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी। कन्‍हैया को गुरुवार को जेल से रिहा किया जा सकता है। बुधवार को उनकी रिहाई को लेकर संदेह है क्‍योंकि शाम सात बजे के बाद ऐसा होने की उम्‍मीद कम है। बता दें कि इससे पहले जस्‍ट‍िस प्रतिभा रानी ने सोमवार को  तीन घंटों की सुनवाई करने के बाद कन्‍हैया की बेल याचिका पर अपना फैसला बुधवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

कन्‍हैया को दस हजार रुपए के निजी बेल बॉन्‍ड पर अंतरिम जमानत दी गई। कोर्ट ने कन्‍हैया को जांच में सहयोग करने का आदेश भी दिया है। एक सवाल के जवाब में दिल्‍ली पुलिस के वकील शैलेंद्र बब्‍बर ने कहा कि यह पुलिस के लिए झटके की बात नहीं है क्‍योंकि मामले की जांच बेहद शुरुआती स्‍टेज पर है। वकील ने कहा कि वे कोई भी विस्‍तृत टिप्‍पणी कोर्ट के आदेश को पूरी तरह पढ़ने के बाद ही कर सकेंगे।

जेएनयू छात्रसंघ अध्‍यक्ष पर आरोप है कि उन्‍होंने कैंपस के अंदर 9 फरवरी को आयोजित एक विवादित कार्यक्रम में भारत विरोधी नारेबाजी की। कन्‍हैया को 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। दिल्‍ली पुलिस ने दावा किया था कि कन्‍हैया जांच में सहयोग नहीं कर रहे। यह भी दावा किया कि उन्‍होंने विरोधाभासी बयान दिया। कन्‍हैया के वकील कपिल सिब्‍बल ने कोर्ट में कहा था कि कैंपस में भारत विरोधी नारे लगाने वाले लोगों के चेहरे ढके हुए थे। कन्‍हैया उनसे दूर खड़े थे । बता दें कि इस मामले में अन्‍य दो आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को 14 दिन की जुडिशल कस्‍टडी में भेजा गया है।