जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में अफजल गुरु के समर्थन में प्रदर्शन और राष्‍ट्रविरोधी नारेबाजी को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

आइए डालते हैं जेएनयू विवाद से जुड़े लेटेस्‍ट डिवेलपमेंट पर एक नजर

पाकिस्‍तान जिंदाबाद कहना देशद्रोह नहीं: पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा कि राष्ट्रविरोधी नारे लगाना देशद्रोह नहीं है। उन्होंने देशद्रोह कानून की व्याख्या करते हुए कहा कि जेएनयू में लगे कुछ नारों से समस्या जरूर हो सकती है, लेकिन सिर्फ इस आधार पर कि कन्हैया कुमार उस वक्त वहां मौजूद थे, उनके खिलाफ देशद्रोह का केस नहीं बनता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद कहना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन देशद्रोह नहीं।

गिलानी गिरफ्तार: दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गिलानी को सोमवार रात पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था, जहां घंटों की पूछताछ के बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया।  गिलानी पर आरोप है कि प्रेस क्‍लब ऑफ इंडिया में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्‍होंने देशविरोधी नारे लगाने के लिए लोगों को उकसाया। उन्‍हें अदालत ने दो दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है।

पत्रकारों ने निकाला मार्च: जेएनयू स्‍टूडेंट यूनियन के अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार की पेशी के दौरान सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में हुई मारपीट के खिलाफ पत्रकारों ने मंगलवार को प्रेस क्‍लब ऑफ इंडिया से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मार्च निकाला। पत्रकारों ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी।

विरोध प्रदर्शन: मंगलवार को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता ने जेएनयू के गेट के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे और जमकर नारेबाजी की।

राष्‍ट्रवाद की क्‍लास: जेएनयू शिक्षक मंगलवार को स्‍टूडेंट यूनियन अध्यक्ष कन्‍हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में छात्रों के साथ शामिल हो गए। छात्रों ने कन्‍हैया की गिरफ्तारी के बाद क्‍लासेज का बॉयकाट करने का एलान किया था, जिसमें अब शिक्षक भी शामिल हो गए हैं। इतना ही नहीं, जेएनयू शिक्षकों ने कैंपस में ‘राष्ट्रवाद’ पर क्‍लास लेने की भी बात कही है। जेएनयू शिक्षक रोहित आजाद ने कहा, ‘प्रशासन न केवल छात्रों, बल्कि शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है और हम पर खुलेआम हमला किया जा रहा है, जबकि कुलपति चुपचाप सब देख रहे हैं। सत्ता में बैठे कुछ लोगों के दुष्प्रचार के आधार पर पूरी दुनिया अब जेएनयू को राष्ट्र विरोधियों का गढ़ कह रही है। समय आ गया है कि हम अपने छात्रों को सिखाएं कि राष्ट्रवाद क्या है।’ उन्‍होंने बताया कि हर शाम पांच बजे प्रशासनिक खंड के सामने ‘राष्ट्रवाद’ पर डेढ़ घंटे लंबा व्याख्यान दिया जाएगा।

ग्‍लोबल हुआ जेएनयू विवाद: कोलंबिया, येल, हार्वर्ड और कैम्ब्रिज समेत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के सैकड़ों शिक्षाविद जेएनयू स्‍टूडेंट्स के समर्थन में आ गए हैं। वैश्विक विश्वविद्यालयों के 455 शिक्षाविदों ने संयुक्‍त हस्‍ताक्षर कर एक बयान भी जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘जेएनयू महत्वपूर्ण सोच, विचार को स्थान देने वाला संस्थान है। ऐसे विचार, जो तार्किक सोच, लोकतांत्रिक असहमति, छात्र सक्रियता और बहुलतावादी राजनीतिक सोच वाले हैं। ऐसी सोच को ही वर्तमान सत्ता खत्म करना चाहती है और हम जानते हैं कि यह समस्या केवल भारत के लिए ही नहीं है।’ बयान में कहा गया है कि दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी आलोचनात्मक असहमति और विश्वविद्यालय स्थलों को हमले का निशाना बनाने और इनका विरोध करने का प्रयास किया गया।

बस्‍सी बोले कन्‍हैया के खिलाफ पुख्‍ता सबूत: पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को जेएनयू स्‍टूडेंट यूनियन अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार की पेशी के दौरान हुई झड़प के बारे में दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने भी कहा कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। बस्सी ने कहा है पत्रकारों के साथ मारपीट के दौरान अगर वहां पुलिसकर्मियों ने लापरवाही बरती है तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। मारपीट के वीडियो की जांच चल रही है, जिसके बाद पत्रकारों के साथ मारपीट के आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी होगी। वहीं, कन्‍हैया कुमार के मामले पर बस्‍सी ने स्‍पष्‍ट कहा कि वह नारेबाजी में शामिल थे और इस बात के पुख्‍ता सबूत हैं।

बजट सत्र में जेएनयू विवाद: संसद सत्र में जेएनयू समेत सभी मुद्दों पर चर्चा होगी, बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने पर दलों में सहमति बनी है। प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक के बाद शिवसेना के आनंद अडसुल ने यह बात कही।

एनआईए जांच की मांग की खारिज:दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेएनयू देशद्रोह मामले में एनआईए जांच की मांग संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है।

बंदूक होती तो गोली मार देता: जेएनयू स्‍टूडेंट के साथ मारपीट के मामले पर इंडियन एक्‍सप्रेस के साथ बातचीत के दौरान बीजेपी विधायक ओपी शर्मा ने कहा, ‘मैं गोली भी मार देता अगर बंदूक होती। कोई हमारी मां को गाली देगा तो क्‍या उसे मारोगे नहीं?’ वहीं, एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान उन्‍होंने कहा, ‘मुझे चोट लगी, मुझे मारा, मैंने बदले में मारा। जब उनसे यह साफ करने के लिए कहा गया कि मारने के बदले मारा या देश विरोधी नारे लगाने पर मारा, तो शर्मा ने लगभग झल्लाते हुए कहा- पहले इन्होंने नारे लगाए। मना किया तो मार-पीट की। फिर वे भागे। भागते हुए गिर गए। शर्मा का कहना था कि अमीक और उनके साथियों ने पाकिस्तान जिंदाबाद, भारत मुर्दाबाद के नारे लगाए थे।’

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के खिलाफ है, लेकिन जेएनयू स्‍टूडेंट यूनियन के  अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर देशद्रोह के आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला है।

केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जेएनयू मुद्दे पर कांग्रेस और कम्युनिस्ट छात्रों की गलतियों का बचाव कर उनको देश विरोधी गतिविधियों के लिए उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, कम्युनिस्ट और अन्य विपक्षी दल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारेबाजी के मामले में न केवल छात्रों को देश के खिलाफ उकसा रहे हैं, बल्कि देश को अस्थिर करने का काम भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बहुमत होने का कांग्रेस और विपक्ष गलत फायदा उठा रहा है। उन्होंने जेएनयू में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘इंडिया गो बैक’ जैसे नारे लगाने वाले छात्रों की कड़े शब्दों में निंदा की।