जम्मू कश्मीर पुलिस ने अमेरिका और जर्मनी में रहने वाले कश्मीरी मूल के तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि इन पर सोशल मीडिया पर सड़क हिंसा भड़काने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने और अशांति फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

इसके अलावा, श्रीनगर की एक विशेष एनआईए कोर्ट ने उन्हें जनवरी के अंत तक कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।

अमेरिका और जर्मनी में रहते हैं आरोपी

जम्मू पुलिस की खुफिया शाखा काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) के एक बयान में कहा कि श्रीनगर निवासी मुबीन अहमद शाह और अजीजुल हसन अशै टोनी अशै और कुपवारा निवासी रिफत वानी के खिलाफ एफआईआर में नामजद किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि शाह और अशै अमेरिका में रहते हैं, जबकि रिफत जर्मनी में रहता है।

अलगाववादियों के इशारे पर काम करने का आरोप

सीआईके ने अपने बयान में कहा,”एनआईए एक्ट के तहत नामित विशेष न्यायाधीश की श्रीनगर कोर्ट ने इन लोगों के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 82 के तहत एक उद्घोषणा जारी की है।”

बयान के मुताबिक, यह मामला आईपीसी की धारा 153ए और 505 व गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) एक्ट की धारा 13 के तहत अपराधों से संबंधित है, जो घाटी के अंदर और बाहर अलगाववादी ताकतों के इशारे पर काम करने वाले असामाजिक और देशविरोधी तत्वों द्वारा रची गई एक सुनियोजित साजिश का खुलासा करने वाले विश्वसनीय खुफिया इनपुट के आधार पर दर्ज किए गए हैं।

सीआईके ने कहा, “जांचों से पता चला है कि ये लोग न्यूज पोर्टलों, पत्रकारों और फ्रीलांसरों के रूप में भेस बदलकर काम कर रहे थे, जबकि वास्तव में वे फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल फर्जी, प्रेरित, अतिरंजित, अलगाववादी और संदर्भ से परे सामग्री बनाने, अपलोड करने और प्रसारित करने के लिए हथियार के रूप में कर रहे थे।”

डिजिटल मिसइंफॉर्मेशन फैला रहे आरोपी

पुलिस ने यह भी कहा कि इस डिजिटल मिसइंफॉर्मेशन अभियान का जानबूझकर उद्देश्य सड़क हिंसा को भड़काना, सामान्य जीवन को प्रभावित करना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना और जन अशांति को बढ़ावा देना था, इससे देश-विरोधी भावनाओं को बढ़ावा मिले और भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने के उद्देश्य से एक अलगाववादी एजेंडी को आगे बढ़ाया जा सके।”

कोर्ट ने 31 जनवरी तक पेश होने को कहा

गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद पुलिस के अनुसार, आरोपी अंडरग्राउंड हो गए और कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए फरार हैं। उनकी कथित लापरवाही को ध्यान में रखते हुए, एनआईए कोर्ट ने अब एक आदेश जारी कर आरोपियों को 31 जनवरी 2026 को या उससे पहले कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।

पुलिस ने कहा, “फरार घोषित होने के बाद भी आरोपी लगातार शत्रुतापूर्ण गतिविधि करते रहे हैं और वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब सक्रिय हैं, जहां वे जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़काने और सार्वजनिक व्यवस्था को अस्थिर करने के इरादे से झूठी, मनगढ़ंत और भड़काऊ सामग्री फैलाते रहते हैं।”

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