जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद पांच महीने पहले हिरासत में लिए गए पीपल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन और पीडीपी युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद पर्रा को गुरुवार को रिहा कर दिया गया। वहीद जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी सहयोगी हैं। हालांकि हिरासत से छोड़े जाने के बावजूद दोनों नेताओं को नजरबंद रखा गया है।

राज्य प्रशासन के आदेश के मुताबिक लोन और पर्रा को श्रीनगर स्थित एमएलए हॉस्टल से उनके आवास में शिफ्ट किया गया है। दोनों को हॉस्टल में एहतियातन हिरासत में रखा गया था। लोन और पारा 180 दिन से भी ज्यादा वक्त तक हिरासत में रहने के बाद रिहा किए गए हैं।

प्रशासन ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर में वाची से पीडीपी के पूर्व विधायक एजाज अहमद मीर और व्यापारियों के नेता शकील अहमद कलंदर को रिहा किया था। कलंदर फेडरेशन चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज, कश्मीर के अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं इससे पहले रविवार को भी नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के चार नेताओं को रिहा किया जा चुका है। वहीं बीते महीने 10 जनवरी को भी प्रशासन ने 26 नेताओं को रिहा किया था।

हालांकि पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला समेत 15 नेताओं को अभी भी नजरबंद रखा गया है। बीती 5 अगस्त को सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेषाधिकार समाप्त करते हुए राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था, तभी से ही, महबूबा, अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला नजरबंद हैं।

पांच अगस्त के बाद से कश्मीर केंद्रित राजनीतिक पार्टियों और नेताओं को करारा झटका लगा है। नजरबंद नेता मोदी सरकार से बातचीत का रास्ता निकाल रहे हैं। राज्य में सात दशक तक राजनीति में हावी रहे कश्मीरी सियासतदान बातचीत लायक माहौल तैयार करने की जुगत में है। इसमें पीडीपी से जुड़े लोग भी शामिल हैं।